लखनऊ (जनमत):- शीतकालीन सत्र के पहले दिन सीएम योगी नेता विपक्ष पर जमकर बरसे। उन्होंने पूछा कि जब मोहर्रम का जुलूस हो या कोई भी मुस्लिम त्योहार का जुलूस वो हिंदू मोहल्ले से, मंदिर के सामने से सुरक्षित निकल जाता है, कोई समस्या नहीं होती। समस्या वहीं पर क्यों खड़ी होती है, जब कोई हिंदू शोभायात्रा किसी मस्जिद के सामने से या मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से निकलती है। झंडा लगाने में क्या समस्या आ रही है। क्या भारत की धरती पर केसरिया झंडा नहीं लग सकता। पूछना चाहता हूं कि हिंदु मोहल्ले और मंदिर के सामने से मुस्लिम जुलूस निकल सकता है तो मुस्लिम मोहल्ले से कोई शोभायात्रा क्यों नहीं निकल सकती। यहीं पर विवाद शुरू होता है। आप चाहते हैं कि आपके पर्व और त्योहार तो शांति से मनाए जाएं, लेकिन दूसरों के नहीं।
जय श्री राम का नारा हमारी श्रद्धा का नारा है
सीएम योगी ने पूछा कि आखिर ये संविधान में कहां लिखा है कि किसी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हिंदू शोभायात्रा नहीं निकल सकती। जब आप रोकते हैं तो हिंदू पक्ष की ओर से भी रिएक्शन आता है कि हम भी नहीं जाने देंगे। मुझे आश्चर्य होता है इन बातों को लेकर कि मस्जिद के सामने से शोभायात्रा नहीं निकलने देंगे। ये सड़क किसी की अमानत है क्या, ये सार्वजनिक मार्ग है, आप किसी को कैसे रोक सकते हैं। बहराइच में भी परंपरागत जुलूस था और उसी परंपरागत जुलूस को आगे बढ़ाने के लिए सारे कार्यक्रम संपन्न हुए थे। लेकिन यह कहना की उत्तेजक नारे लगाए जा रहे थे। जय श्री राम का नारा उत्तेजक नहीं है, ये हमारी श्रद्धा का नारा है, हमारी आस्था का प्रतीक है। कल आपसे कहूंगा कि अल्ला हो अकबर का स्लोगन हमें अच्छा नहीं लगता तो क्या आपको अच्छा लगेगा। हमारी विरासत तो इतनी लंबी चौड़ी और प्राचीन है कि हम उस परंपरा को लेकर ही चले जाएं और जय श्री राम, हर हर महादेव और राधे राधे के संबोधन से ही पूरा जीवन काट सकता हूं। हमें और किसी संबोधन की आवश्यकता ही नहीं है।
बाबरनामा पढ़ा होता तो ये बहस नहीं होती
सीएम योगी ने कहा कि कोई भजन गाया जा रहा है तो आप उस भजन को अश्लील कैसे कह सकते हैं। कांवड़ यात्रा में क्या अश्लील गाने बजते हैं। वहां भगवान शिव के गाने बजते हैं। दुर्गा पूजा के दौरान जो शोभायात्रा निकलती है उसमें जगत जननी मां दुर्गा की आरती बजती है, दुर्गा चालीसा बजती है, हनुमान चालीसा बजती है,ये हमारे शक्ति और भक्ति के प्रतीक हैं। आपने बाबरनामा पढ़ा होता तो ये बहस करते ही नहीं होती जिसमें स्वयं मीरबाकी के द्वारा हरिहर मंदिर तोड़ने का जिक्र किया गया है। जितने लोग यहां पर हैं, लेकिन वहां पर आपके फोर फादर और फोर फादर की पीढ़ी उसकी भुक्तभोगी रही होगी इसलिए वहां पर आप इस स्थिति में हैं।
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…