लखनऊ (जनमत) :- उन्नाव और पीलीभीत दुष्कर्म मामलो के अलावा ध्वस्त कानून व्यवस्था, मंहगाई और गन्ना मूल्य जैसे मुद्दों को लेकर विधानमंडल का शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के पहले दिन ही सरकार अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत करेगी। शीतकालीन सत्र की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए कार्यमंत्रणा समिति और सर्वदलीय नेताओं की बैठक हुई । विपक्षी दलों के हमलों से निपटने के लिए सत्ता पक्ष भी कमर कस रहा है। सदन को शांतिपूर्ण व व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए इस बैठक सम्पन्न हुई.
आगामी 20 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही सरकार अपना दूसरा अनुपूरक बजट भी ला रही है। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में विपक्ष की परीक्षा भी होगी। चार दिवसीय इस सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास पर्याप्त मुद्दे है मंगलवार से आरंभ विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, मंहगाई, उन्नाव व अन्य स्थानों पर महिलाओं से दुष्कर्म की लगातार बढ़ती घटनाएं जैसे मुद्दों को विपक्ष की ओर से हथियार बनाया जाएगा। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने बताया कि सरकार के पास उपलब्धि के नाम पर बताने के लिए कुछ नहीं है। भारी बहुमत होने के बाद भी सरकार का इकबाल बुलंद नहीं है. इस बार विपक्षी पार्टियां एक जुट होकर सरकार पर हमला बोलेंगी जिससे सरकार की मुश्किले बढ़ सकती हैं.
Posted By :- Ankush Pal