मैनपुरी(जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी के भोगांव नगर पंचायत कार्यालय में तैनात लिपिक को कमिश्नर की जांच से डर नहीं लगता है| फर्जी नियुक्ति होने के बावजूद भी धड़ल्ले से मिडिया के कैमरे पर लगातार देता रहा जबाब जिले के अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद भी इस लिपिक के खिलाफ कोई भी कार्यवाही वही होती है| वही 7 दिन पूर्व कमिश्नर के दौरे के दौरान एक शिकायती पत्र दिया गया था जिसमें नगर पंचायत भोगांव द्वारा लिपिक की पदोन्नति के साथ नियुक्ति पर भी लगाए गए सवालिया निशान /हालांकि कमिश्नर ने जांच के बाद कार्यवाही की बात कही /प्रशासन इस जांच को अधर में लटकाए हुए हैं और कोई भी अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है। दरअसल एक सप्ताह पूर्व मंडलायुक्त आगरा अमित गुप्ता चार दिवसीय दौरे पर जनपद मैनपुरी आए हुए थे|
आपको बतादे कस्बा भोगांव निवासी अभिनय नाम के व्यक्ति ने मंडलायुक्त आगरा अमित गुप्ता चार दिवसीय दौरे के समय एक शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया है क़ि भोगाव निवासी आकाश वर्मा जो कि नगर पंचायत भोगांव में ही लिपिक पद पर इनकी तैनाती है। और यह अपने पिता की जगह मृतक आश्रित में लगा हुआ है जबकि उसकी मां प्रधानाध्यापिका है और पिता नगर पंचायत भोगांव में लिपिक पद पर कार्यगत थे। हालांकि 2008 में पिता की मृत्यु के बाद साठ गांठ कर इनको चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्ति कर दिया गया और ठीक 5 वर्ष भी नहीं बीते थे आकाश वर्मा को 2013 में लिपिक पद पर पदोन्नत भी मिल गई जवकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को जीवन निकल जाता है पदोउन्नत पाने में
विडंबना तो देखिये – अनुकंपा के संबंध में शासनादेश है कि यदि मां और बाप सरकारी सेवा में है तो पुत्र को मृतक आश्रित में नौकरी नहीं मिल सकती इसके बाबजूद भी आकाश वर्मा उच्चाधिकारियों की सह पर धड़ल्ले आज भी कार्य रत है इसी सवाल को लेकर जब हमारे रिपोर्टर ने जिला अधिकारी के आलावा जाँच कर रहे डूंडा अधिकारी से बात किया तो उन्होंने कोई भी जवाब कैमरे के सामने नहीं दिया बस जांच की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया अब सोचने वाली बात है की यह जाँच भी अन्य जांचो की तरह बीरबल की खिचड़ी तो बनकर तो नहीं रह जाएगी|