बॉलीवुड (Janmat News): डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वेब शोज के सैलाब के चलते सिनेमाघरों में फिल्में देखने वाली ऑडियंस की संख्या में गिरावट आई है। इस मुद्दे पर इंडस्ट्री के लोगों की अलग-अलग राय है। मगर आयुष्मान खुराना का मानना है कि वाकई में सिनेमाघरों में दर्शकों की तादाद पर असर हो रहा है। वो कहते हैं, बेहतरीन ओटीटी कंटेंट के इस दौर में भी मैं लोगों को सिनेमाघरों तक लाना चाहता हूं, जो आज के दौर में कम हो रहा है। लोग स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए अलग-अलग कंटेंट का आनंद ले रहे हैं। ऐसे में हम एक्टर्स के लिए यह जरूरी है कि हम अच्छा सिनेमा बनाएं, जो लोगों को सिनेमाघरों तक खींचे।
मेरी फिल्में लोगों को अलग अनुभव दे रहीं: आयुष्मान
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आयुष्मान आगे कहते हैं, संयोग से मेरी फिल्में लोगों को अलग अनुभव दे रहीं हैं। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि लोगों ने मुझे खास सिनेमा के साथ पहचानना शुरू कर दिया है। अब लोग मुझसे केवल अच्छी सिनेमा की उम्मीद करते हैं और मैं इस जिम्मेदारी से काफी खुश भी हूं। इसी वजह से लगातार सबसे बेहतर प्रोजेक्ट्स की तलाश में लगा रहता हूं।
नहीं जानता सेफ फिल्म किसे कहते हैं: आयुष्मान
आर्टिकल 15 की सफलता से खुश आयुष्मान के लिए सही स्क्रिप्ट की अपनी परिभाषा है। वे कहते हैं, अपने कॅरिअर में मैंने कभी सेफ स्क्रिप्ट का चयन नहीं किया। मुझे मालूम भी नहीं कि सेफ फिल्म किसे कहते हैं। मैंने हमेशा कुछ अलग करने का जोखिम उठाया है, क्योंकि मैंने स्क्रिप्ट और कहानी को दिल से चुना है।