उत्तर प्रदेश (जनमत):- किसानों के दर्द को कैसे बयां किया जाये अब उसके लिए खबर का कोई कैप्शन भी नहीं रहा। यही वजह है कि वर्तमान में खाद समेत अन्य समस्याओं के लिए किसानों की दयनीय हालात पर अब उपरोक्त कहावत ही पूरी तरह से सटीक बैठती है। ऐसा इसलिए भी है क्योकि देश और प्रदेश की पॉलिटिक्स का केंद्र रहे किसानों के साथ चुनाव बीतने के बाद सरकारें कैसा भद्दा मजाक करती है यह शायद ही किसी से छिपा हो। सरकारों की लापरवाही या फिर कह सकते है कि उसकी अनदेखी यहाँ के किसानों की अब तकदीर बन चुकी है। चुनाव के समय तो किसानों को पुचकारा और दुलारा जाता है और उनकी आय को दोगुना करने के भी दावे किये जाते है लेकिन इन दावों में कितनी सच्चाई होती है उत्तर प्रदेश के किसान पिछले तीन सालों में समझ चुके और भुगत चुके है। सूबे के किसान चीख और चिल्ला रहे है लेकिन योगी राज में इनकी सुनने वाला कोई भी नहीं है। कृषि मंत्री हो या फिर सूबे के बड़े अधिकारी सभी हवा – हवाई दावों से मस्त है और यूपी का किसान पस्त और बेहाल है।
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उत्तर प्रदेश में किसानों से जुड़े तमाम ज्वलंत मुद्दे है लेकिन इस समय किसानों की जो सबसे बड़ी समस्या वह है खाद। फसलों को उपजाऊ और पैदावार बनाने के लिए खाद किसी भी फसल के लिए बेहद महत्वपूर्ण कड़ी है। इसी खाद के लिए उत्तर प्रदेश के किसानों को मारामारी करनी पड़ रही है। यही समस्या जब विकराल हुई तो विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए योगी सरकार की लामबन्दी शुरू की और जगह – जगह किसानों के नाम पर कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओं ने धरना – प्रदर्शन किया। प्रियंका गाँधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ टवीटरबाजी की। खुद यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का भी कथित तौर पर का पत्र वायरल हुआ जिसमे खाद की किल्ल्त का जिक्र किया गया था। मुद्दे पर जब राजनीति तेज हुई तो सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सामने आते है और मीडिया के सामने इस मुद्दे पर अपने विभाग और सरकार का पक्ष रखते हुए बयान देते हुए कि यूपी में किसी भी तरह की खाद की किल्ल्त नहीं है। सहकारी और निजी क्षेत्र में खाद की पर्याप्त उपलब्धता का भी कृषि मंत्री के द्वारा दावा किया जाता है।
मंत्री और अधिकारियों के तमाम तरह के दावे करने के बाद भी सूबे के कई जनपदों में खाद के किल्ल्त की भयानक स्थिति बनी हुई है। खाद की भीषण किल्लत से प्रभावित सूबे का एक जनपद सोनभद्र भी है। यहाँ खाद की इस कद्र मारामारी है कि रात दो बजे से स्थानीय किसान लाइन में लगते है और दिन में 12 बजे के बाद भी ज्यादातर किसानों को खाद नसीब नहीं होती है। खाद की कमी से प्रभावित लाइन में लगे किसानों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है।
वायरल वीडियो शनिवार का है बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो सोनभद्र में जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर सेहुंआ सहकारी गोदाम का है। स्थानीय किसानों को सूचना मिली थी कि गोदाम में खाद मिलने वाली है। खाद मिलने की सूचना पर किसानों की भीड़ देर रात 2 बजे से ही गोदाम के बाहर लाइन में लग जाती है। आपको जानकार हैरानी होगी कि रात – दिन लाइन में घंटों लगने के बाद भी अधिकतर किसानों को खाद मिली ही नहीं। पीड़ित किसानों का आरोप है कि पूरी ईमानदारी से वह लाइन में लगे थे इसके बावजूद भी जब गोदाम में खाद आई भी तो ज्यादातर दबंग व्यक्ति खाद पर काबिज हो गए और खाद से महरूम हो गए।
ये सिर्फ उत्तर प्रदेश के एक जनपद का हाल नहीं है बल्कि सूबे के कई जनपद इस समस्या से प्रभावित है। प्रभावित जनपदों में किसान घंटो लाइन में इस उम्मीद में लगे रहते है कि शायद उनका भी नंबर आ जाये और उन्हें भी खाद नसीब हो जायेगा। हालांकि खाद के लिए घण्टो तपस्या करने के बाद भी इनका वक्त आएगा भी की नहीं किसान खुद इससे अंजाम है।
Posted by – Dhirendra Srivastava