जयपुर (Janmat News): केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2019 को मंजूरी दी। यह बिल कमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाता है। नए बिल के मुताबिक सरोगेसी से बच्चा पैदा करने वाली मां कपल की रिलेटिव हो, विवाहित हो और उसके एक बच्चा हो। अभी देश में सरोगेसी के लिए कोई कानून नहीं है। इसकारण कई रैकेट्स सक्रिय हो गए हैं। ये गरीब महिलाओं को प्रोफेशनल सरोगेट मां की तरह इस्तेमाल करते हैं और उनका शोषण किया जाता है।
सरोगेसी से जुड़ी खास बातें…
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क्या है सरोगेसी ?
सरोगेसी में एक महिला दूसरी महिला के लिए गर्भ धारण करती है और बच्चे की डिलीवरी के बाद बच्चा सरोगेसी करवाने वाले कपल को दे दिया जाता है।
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अच्छी-बुरी 2 संभावनाएं
अच्छी बात: अनाथ बच्चे ज्यादा गोद लिए जाएंगे।
बुरी बात: न्यूक्लियर फैमिली होने से ऐसे रिलेटिव मिलना मुश्किल।
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कौन कपल करा सकता है?
भारतीय नागरिक होना चाहिए।
– लीगली मैरिड होने के साथ ही शादी को 5 साल पूरे चुके हों।
– एक को मेडिकली सर्टिफिकेट द्वारा इनफर्टाइल बताया गया हो।
– पत्नी 23 से 50 वर्ष के बीच और पति 26 से 55 वर्ष का हो।
– कपल का कोई जीवित बच्चा (बायोलॉजिकल, गोद लिया हुआ या सेरोगेट) न हो।
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क्या करना होगा?
सरोगेट मां का बीमा करवाए, मेडिकल खर्चे के अलावा कोई पैसा नहीं दे सकते।
– कानून बनने के बाद केंद्र और राज्य लेवल पर अथॉरिटी नियुक्त की जाएगी।
– अथॉरिटी इच्छुक कपल और सेरोगेट मां को योग्यता सर्टिफिकेट देगी।
– इस सर्टिफिकेट के जरिए रजिस्टर्ड सरोगेसी क्लीनिक में आवेदन हो सकेगा।
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अथॉरिटी क्या करेगी?
केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों लेवल पर नियुक्त अथॉरिटीज सरोगेसी क्लीनिकों का रजिस्ट्रेशन, उन्हें सस्पेंड या कैंसिल करने का काम करेगी।
– स्टेट लेवल पर अथॉरिटी की नियुक्ति के बाद 60 दिनों के अंदर क्लीनिकों को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देना होगा।
– आवेदन को 90 दिनों के अंदर मंजूर या नामंजूर किया जाएगा। कोई भी सरोगेसी क्लिनिक ह्यूमन एंब्रयो स्टोर नहीं करेगा।
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सरोगेट मदर कौन बन सकता है
सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करने वाली महिला मैरिड हो, उसके एक बच्चा हो।
– वह कपल की रिलेटिव हो और वह एक बार ही सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा कर सकती है।
– सरोगेसी बिल में अभी ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि महिला से कपल के कैसे रिश्ते हो। इसके अलावा कई चीजें स्पष्ट होनी हैं।
Posted By: Priyamvada M