लाइफस्टाइल (Janmat News): बच्चों को होमवर्क कराना कई अभिभावक अपनी ड्यूटी मानते हैं, कैसे भी बस कराना है, तो वहीं बच्चों की बात करें तो उन्हें ये काम कम ही पसंद होता है या उसे मजबूरी समझते हैं। लेकिन रोज की ये पढ़ाई जरूरी है, ताकि बच्चे को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।
टाइम टेबल कैसे सेट करें
अधिकतर माता-पिता बच्चों के लिए टाइम-टेबल बनाते हैं। इसमें थोड़ा बदलाव कीजिए। बच्चों से कहिए कि वे अपना टाइम टेबल खुद सेट करें। इसमें स्कूल से आने के बाद के समय से शुरूआत करने को कहें। इसमें उनके खेलने, खाने, आराम के समय को शामिल किया जाना चाहिए। ऐसा करने से वो अपनी पसंद के अनुसार होमवर्क का समय तक कर सकेंगे। इससे उनकी प्रबंधन क्षमता भी विकसित होगी। होमवर्क के लिए एक निश्चित समय तय करें। बच्चे की उम्र के आधार पर 15 मिनट, 30 मिनट या एक घंटा भी निर्धारित किया जा सकता है।
आसपास रहें आप
बच्चे अक्सर होमवर्क करते-करते खेलने लगते हैं या उनका ध्यान और किसी चीज़ में लग जाता है। कोशिश करें कि बच्चे की स्टडी टेबल वहां हो जहां आप आसपास रहें। कोशिश करें कि, जब बच्चा होमवर्क कर रहा हो उस दौरान आप अपनी पसंदीदा किताब पढ़ सकते हैं। इससे बच्चा भी आपको देखकर गंभीरता से अपना कार्य करेगा। इसके अलावा पास रहने से आप बच्चे पर नज़र भी रख सकेंगे कि वह ठीक से अपना कार्य कर रहा है या नहीं।
शिक्षक से संपर्क में रहें
अभिभावक हमेशा शिक्षक से संपर्क में रहें। इससे उन्हें बच्चे से सम्बंधित सारी जानकारी मिल सकेगी। पेरेंट्स-टीचर मीटिंग हमेशा अटेंड करें। स्कूल डायरी को बिना लापरवाही के चैक करें। इससे बच्चे को भी लगेगा कि आप उसकी पढ़ाई को लेकर सक्रिय रहते हैं।
मज़बूत हो बुनियाद
बच्चों का होमवर्क खानापूर्ति मात्र न हो। होमवर्क कराते वक्त इस बात का ख्याल रखें कि बच्चा बुनियादी शिक्षा ले रहा है या नहीं। सिर्फ परीक्षा में पास होना या अच्छा प्रदर्शन ही उद्देश्य न हो। बच्चे परीक्षा में दिए सवालों ही पढ़ाई समझते हैं। उन्हें शुरू से तर्क के साथ याद करने के बारे में बताएं , ताकि हर छोटी चीज के बारे में जान-समझ सकें।
किन चीजों से दूरी रहे
बात बहुत सामान्य है पर इस पर ध्यान कम ही देते हैं। घर में मौजूद कई चीजें ऐसी हैं जो बच्चों का ध्यान भटकाती हैं। इनमें टी.वी, कम्प्यूटर, मोबाइल फोन मुख्य हैं। बच्चे जहां पढ़ाई करते हैं उस जगह पर इन चीजों को न रखें या पढ़ाई के लिए अलग जगह की व्यवस्था करें। माएं अक्सर बच्चों को होमवर्क करने बैठाकर फोन इस्तेमाल करने लगती हैं या टी.वी देखने लगती हैं। ऐसा करने से बच्चे का ध्यान भटकता है और उन्हें लगता है कि उनसे जबरदस्ती होमवर्क कराया जा रहा है, जबकि मम्मी खुद टी.वी/फोन चला रही हैं। इसलिए कोशिश करें कि बच्चे की पढ़ाई की जगह एकांत में हो।
मदद करने की कोशिश न करें
अभिभावक अक्सर बच्चे का अधिक होमवर्क देखकर मदद करने बैठ जाते हैं। कुछ तो होमवर्क बांट लेते हैं, उदाहरण के तौर पर असाइनमेंट, प्रोजेक्ट आदि को खुद बनाने लगते हैं। इस बात का ख्याल रखें कि यह कार्य बच्चे का है आपका नहीं। आपके द्वारा की गई एक बार की मदद उन्हें आप पर निर्भर कर देगी। मदद करना चाहते हैं तो उन्हें मार्गदर्शन दें न कि खुद करने न बैठ जाएं।
Posted By: Priyamvada M