देश विदेश(जनमत) भारतीय रेलवे लगातार अपने यात्रियों को कुछ न कुछ अच्छी सुविधा दे रहा हैं| वही अभी कुछ समय पहले पश्चिम रेलवे ने पहल करते हुए अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस में एक नए अनुभूति कोच में पुस्तकालय की सुविधा देने की सोच रहा हैं।वही ताज़ा खबर के अनुसार अब रेलवे स्टेशन व ट्रेन में टिकट जांचने वाले टिकट कलेक्टर अब पेटीएम व गूगल-पे से भी चालान की राशि वसूल सकेंगे।
रतलाम रेल मंडल देश में पहली बार यह प्रयोग करने जा रहा है। वही मंडल ने कुछ टीसी को इसके लिए अधिकार प्रदान किया गया है, जिस के अंतरगत सिविल ड्रेस में चलने वाले टीसी शामिल हैं। मौजूदा समय में अधिकतर लोग स्मार्टफोन का इस्तमाल करते हैं। वही कई बार जब ट्रेन में टिकट की जांच, पड़ताल होती है तो बेटिकट पकड़े गए यात्री पैसे न होने का बहाना करते हैं। जिसे देखते हुए कई बार उन्हें छोड़ दिया जाता है, उनके पास पैसे तो होते है, लेकिन वे पेटीएम व गूगल-पे पर ट्रांसफर करने की बात करते हैं।
इसे देखते हुए रतलाम मंडल ने प्रयोग के तौर पर यह पहल शुरू की है, जिससे चालान की वसूली बराबर से हो सके।जिन टीसी को पेटीएम व गूगल पे से पैसा वसूलने के लिए मंडल ने अधिकार दिया है, उन टीसियों के मोबाइल पर पेटीएम व गूगल-पे ऐप डाउनलोड रहे गा। बिना टिकट पकड़े जाने वाले यात्री से पेटीएम व गूगल-पे से चालान के पैसे वसूलेंगे। यदि कोई यात्री पैसा देने से मना करता है तो उससे पेटीएम या गूगल-पे के द्वारा पैसा वसूला जायेगा। यदि वह राजी हो तो उससे अपने नंबर पर राशि ट्रांसफर करा लेंगे और उतने का चालान भी दे सकेंगे। इससे राशि देने और लेने वाले दोनों के पास ट्रांजेक्शन होगा, जिससे टीसी किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा नहीं कर सकते। दिन भर में जो राशि टीसी वसूलेंगे, उसे मुख्यालय के पेटीएम अकाउंट में ट्रांसफर कर सकेंगे।
वही डीआरएम रतलाम का कहना है कि सभी टीसी को स्वाइप मशीन नहीं दे सकते क्यू की जितनी मशीनें खरीदेंगे, उसके लिए बोर्ड से बजट लेना होगा। स्वाइप मशीन लेकर चलना भी मुश्किल है, उसमें बार-बार चार्जिंग की समस्या होती है। यदि यात्री से स्वाइप मशीन से ट्रांजेक्शन करवाते हैं तो उसकी अतिरिक्त पैसा भी कटता है। साथ ही रेलवे को भी उसका महीने का किराया देना पड़ेगा जो रेलवे के लिए भी मुश्किल हैं|