देश-विदेश (जनमत) :- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व प्रदेश के कई इलाको में बसपा शासन के दौरान जहाँ कई पार्कों का निर्माण किया गया वहीँ मूर्तियों पर भी भारी खर्च किया गया और उस समय की मुख्यमंत्री मायावती की भी मूर्तियाँ लगाई गयीं. वहीँ ab इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख इख्तियार कर लिया है और कहीं ना कहीं बसपा सुप्रीमो को भारी झटका भी लगा है. वहीँ इस मामले में अदालत ने कहा कि यह अस्थायी आदेश है कि मायावती को लखनऊ और नोएडा में अपनी और पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए जनता के पैसों को सरकारी खजाने में लौटाना होगा।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है कि जनता के पैसों का इस्तेमाल अपनी मूर्तियां या राजनीतिक पार्टी के प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हमारा अस्थायी तौर पर यह मानना है कि मायावती को अपनी मूर्तियां और पार्टी के चिह्न पर खर्च किए गए जनता के पैसों को सरकारी खजाने में वापस करना होगा। वहीँ इसक बाद जहाँ अब बसपा सुप्रीमो मायावती को जनता के पैसे की भरपाई करनी होगी वहीँ जो भी खर्च मूर्तियों में किया गया है, उसकी भी भरपाई करनी होगी.