देश/विदेश (जनमत) :- यूरोपीय यूनियन (ईयू) के 23 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर है। वहीँ यूरोपीय यूनियन सांसदों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया और अपना संबोधन देते हुए बताया कि हम यहां राजनीति करने नहीं आए हैं। आतंकवाद से पीड़ित रहे कश्मीर की स्थिति देखने आए हैं। यहां लोग विकास और अच्छे अस्पताल चाहते हैं। इससे पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ईयू के सांसदों को यूनियन ने नहीं भेजा है, ये लोग नाजीवादी हैं। कुछ लोग हमें नाजीवादी बता रहे हैं, लेकिन अगर हम ऐसे होते तो जनता हमें नहीं चुनती।
वहीँ इस दौरान ईयू के एक सांसद ने कहा, ”मैं पहले भी दो बार भारत आ चुका हूं। पिछली बार एशिया की स्थिति को समझने के लिए कई सांसद साथ आए थे। हमें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। हम सिर्फ तथ्य जानने के लिए यहां आए हैं। यहां सामान्य जीवन पटरी पर लाने के लिए किस प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं, हम यही जानना चाहते हैं।” कश्मीर को लेकर कई तरह से दुष्प्रचार किया जा रहा है, यह सही नहीं है।”कश्मीर के लोगों ने बताया कि वे भारतीय हैं और वे विकास के लिए हर संभव सरकार की मदद करना चाहते हैं। कश्मीर के नागरिक अच्छे अस्पताल और नौकरी चाहते हैं। दूसरे सांसद ने कहा, ”कल आतंकियों ने जिन मजदूरों को मारा, उनके परिवार के प्रति संवेदना जताता हूं। यूरोप में हम एक-दूसरे के खिलाफ कई सालों से लड़ते रहे, लेकिन अब हमने शांति से रहना सीख लिया है। यूरोप और भारत के बीच काफी मजबूत रिश्ते हैं। भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा है।
Posted By :- Ankush Pal