देश विदेश(जनमत) अब जल्द ही प्रदेश के चारधाम की यात्रा आसान और सुरक्षित होगी। भारतीय रेलवे लगातार अपने यात्रियों को कुछ न कुछ नई और अच्छी सुविधा दे रहा हैं| भारतीय रेल ने अब नए कीर्तिमान गढ़ने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। भारतीय रेलवे ने चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को भी रेल नेटवर्क से जोड़ा गया है। इसके लिए लोकेशन और एलाइनमेंट का सर्वे हो चुका है। अब सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट में करीब 46 हजार करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग स्वप्निल रेल परियोजना के साथ ही भारतीय रेलवे ने चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को भी रेल नेटवर्क से जोड़ने का मन बना लिया है। इसके लिए फाइनल लोकेशन और एलाइनमेंट सर्वे हो चुका है। इस परियोजना पर काम काफी हद तक आगे बढ़ गया है। रेल विकास निगम के अधिकारी इस रूट के सर्वे की तैयार में हैं।
तुर्की की कंपनी युक्सल प्रोजे ने इस सर्वे को अंजाम दिया। डिजिटल टैरेन मॉडल (डीटीएम) विधि से किए गए इस सर्वे में रिमोट सेंसिग इंस्टीट्यूट हैदराबाद की मदद ली गई। जबकि, सर्वे के लिए सेटेलाइट इमेजरी अमेरिका से ली गई हैं। वही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना निदेशक ने बताया कि कार्यदायी संस्था की ओर से चार धाम रेल नेटवर्क के लिए दो चरणों में 30 अलग-अलग एलाइनमेंट तैयार किए गए। इनमें से एक एलाइनमेंट को अंतिम रूप देकर चयनित किया गया है।
बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के रेल नेटवर्क को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से ही आगे बढ़ाया जाएगा। जबकि, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए डोईवाला रेलवे स्टेशन से अलग रेल लाइन बिछाई जाएगी। चार धाम रेल नेटवर्क में बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को साईंकोट तक आगे बढ़ाया जाएगा। साईंकोट से बदरीनाथ के लिए 80 किमी लंबी रेल लाइन जोशीमठ तक पहुंचाई जाएगी। जबकि, केदारनाथ के लिए साईंकोट से सोनप्रयाग तक 98 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी।
बदरीनाथ ट्रैक पर साईंकोट के बाद त्रिपक, तरतोली (पीपलकोटी) हेलंग और जोशीमठ रेलवे स्टेशन होंगे। जबकि, केदारनाथ रेल ट्रैक पर बड़ोती, चोपता, मक्कूमठ, मढ़ाली और सोनप्रयाग रेलवे स्टेशन बनेंगे। वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए डोईवाला रेलवे स्टेशन से सीधे मातली के लिए रेल लाइन बिछाई जाएगी। वही अभी कुछ समय पहले ही रेलवे ने रेलवे स्टेशन व ट्रेन में टिकट जांचने वाले टिकट कलेक्टर को भी अब पेटीएम व गूगल-पे से चालान की राशि वसूल का रास्ता साफ़ कर दिया हैं।