देश/विदेश (जनमत) :- देश की सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को कई बड़े एलान किए हैं। इनमें सरकारी बैंकों के मुनाफे की स्थिति, लोन रिकवरी का स्तर और नीरव मोदी जैसे बड़े घोटाले रोकने पर किए जा रहे कार्यों के बारे में उल्लेख किया है। अब विलय के बाद केवल 12 सरकारी बैंक बचेंगे। वहीं देश में पहले 10 बड़े सरकारी बैंक थे, जिनकी शाखाएं विदेशों में भी थी। अब ऐसे बैंकों की संख्या घटकर चार रह जाएगी। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा। 18 में से छह सरकारी बैंकों का विलय कर दिया गया है।
भारत सरकार ने कई बैंकों के विलय का एलान कर दिया है। इस खबर के बाद सरकारी बैंकों के शेयरों में गिरावट आई। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को 10 बैंकों के प्रमुखों को बुलाया था। पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक और केनरा बैंक में बाकी सरकारी बैंकों का विलय करने की घोषणा कर दी गई है। इनमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक और आंध्रा बैंक शामिल हैं। बैंको के विलय से कहीं न कहीं देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना लाजमी है.