अमरोहा (जनमत) : गजरौला में एक व्यक्ति द्धारा इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आयी है। अपने तीन बच्चों को दस रुपये का सिक्का खो जाने पर हाथ पैर बांधकर बिजली के पोल पर लटका कर बहुत बुरी तरह से पिटाई की बच्चो के चीख पुकार से मोहल्ले वालों ने किसी तरह से बच्चो को जल्लाद बाप के चुंगल से बचाया। मा ने भी बच्चों को बचाने का एक बार भी प्रयास नही किया। इतनी बड़ी घटना हो गयी लेकिन पुलिस को इसके बारे में कोई सूचना नही है।सलेमपुर रोड मोहल्ला जलाल नगर निवासी इस्लाम के तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा रिहान(5), उससे छोटा आयान (4) व बेटी इकरा (3) वर्ष की है। रविवार सुबह करीब आठ बजे इस्लाम ने रिहान को दस-दस रुपये के दो सिक्के देकर दुकान पर कुछ सामान लेने भेजा था। रिहान के साथ आयान व बहन इकरा भी थी। इन बच्चों से दस रुपये का एक सिक्का कहीं खो गया।
बच्चे खोये सिक्के को खोजने में जुट गए। काफी देर तक बच्चे वापस नहीं लौटे तो इस्लाम दुकान की तरफ गया। उसे मालूम हुआ कि बच्चों से दस रुपये खो गए हैं। इस पर आपा खोकर वह तीनों बच्चों को पीटते हुए घर ले आया। इसके बाद घर के बाहर खड़े बिजली पोल से तीनों बच्चों को रस्सी से बांधकर लटका दिया और डंडे से पीटना शुरू कर दिया। बच्चे चीखने चिल्लाने लगे। बच्चों के चीखने की आवाज सुनकर मोहल्ले वाले मौके पर जमा हो गए। लोगों ने बच्चों को पीटने से मना किया तो इस्लाम ने हड़काना शुरू कर दिया। हिम्मत दिखाते हुए मोहल्ले के लोगों ने बच्चों को बचाया। रस्सी खोलकर बच्चों को नीचे उतारा। इसके कई घंटे बाद तक बच्चे दर्द की वजह से रोते रहे। जब बच्चों को बांधकर पीटा जा रहा था, तो उनकी मां बचाने की बजाय खड़ी होकर तमाशा देख रही थी। मां ने बच्चों को बचाने का कोई प्रयास ही नहीं किया। बच्चों की मां जासमीन का कहना है बच्चे गलती करते हैं तो वह पिटते भी हैं। हमारे बच्चे हैं, हम चाहें उन्हें जान से मार दें। इससे किसी का क्या लेना देना है। हैरानी की बात यह है कि अमानवीयता व दिल दहला देने वाली इस घटना की जानकारी होने से पुलिस इंकार कर रही है।