लखनऊ(जनमत): भारतीय रेलवे के लिए साल 2019 का 31 दिसंबर बहुत ही हलचल और उत्सुकता रहा| बतौर चेयरमैन, रेलवे बोर्ड विनोद कुमार यादव का नाम जैसे ही सामने आया तो पूरी भारतीय रेलवे में चारोओर खुशनुमा चकित कर दिया है|
वही जानकारी के अनुसार दोपहर में ही पीएमओ में उनके नाम पर विचार होने की बात का पता चल गया था| जब एसीसी की डीपीसी और कार्मिक मंत्रालय का नियुक्ति पत्र सामने आया, तब श्री यादव की सीआरबी के पद पर हुई नियुक्ति का सबको पता चला| वही रातो रात सोशल मीडिया पर श्री विनोद कुमार यादव की अलग अलग फोटो और रेल मंत्रालय द्वारा जारी अपॉइंटमेंट संबंधी प्रेस विज्ञप्ति वायरल हो गई|
दक्षिण मध्य रेलवे मुख्यालय सिकंदराबाद से ही अपना नया पदभार ग्रहण करने के बाद श्री यादव ने कहा कि उनका पूरा जोर विकास संबंधी कार्यों तथा यात्री सुविधाओं सुधार पर रहेगा. सुरक्षा और संरक्षा रेलवे की शीर्ष प्राथमिकता है. इसके लिए परिसंपत्तियों का नवीनीकरण और रखरखाव के कार्य तेज गति से किए जाएंगे. यात्री सुविधाएं भी प्राथमिकता सूची में हैं और रेलयात्रियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं प्रदान करने का पूरा प्रयास किया जाएगा|
विनोद कुमार यादव जैसे अत्यंत मिलनसार, गैर-महत्वकांक्षी, निष्पक्ष और निजी प्रसिद्धि से दूर रहकर अपनी बहुमुखी बुद्धिमान विकसित करने वाले वरिष्ठ रेल अधिकारी को सीआरबी बनाए जाने से सभी रेल अधिकारी और कर्मचारी इसलिए भी खुश हैं कि श्री यादव से उन्होंने अपने अंदर कोई अपेक्षाएं और उम्मीदें नहीं पाली हैं, जैसा कि अश्वनी लोहानी से उन्होंने पाल ली थीं|