नई दिल्ली (जनमत) : देश के सर्वोच्च न्यायालय ने गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर नाराज़गी ज़ाहिर की है. देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है की यह कोर्ट भीड़तंत्र को हिंसा की इजाजत नहीं दे सकता है। यहां पर संविधान के मुताबिक काम करना होगा। कोई भी अपने आप में कानून नहीं हो सकता है।वहीँ शीर्ष कोर्ट ने गोरखा के नाम पर हो रही हिंसा के मद्देनज़र सभी राज्यों को सख्त आदेश दिया है।
इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों का दायित्व है कि वह इस तरह से हो रही भीड़ की हिंसा को तत्काल रोका जाये. अदालत इस बात को स्वीकार नहीं कर सकती कि कोई भी कानून को अपने हाथ में न ले। सभी राज्यों को इस विषय में कड़े कदम उठाने होंगे.