दिल्ली एनसीआर (जनमत) ;- एक और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जहाँ देश में तैयारी जोरो पर है वहीँ, सर्वोच्च न्यायालय ने एक वाद में दागी नेताओं के चुनाव लड़ने के मामले पर एक फैसला भी सुना दिया है जिसमे कोर्ट ने निर्णय दिया है कि चुनाव लड़ने से पहले हर एक उम्मीदवार को अपना आपराधिक रिकॉर्ड निर्वाचन आयोग को ज़रूर घोषित करना होगा । इसी के साथ ही मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि नागरिकों को अपने उम्मीदवारों का रिकॉर्ड जानने का अधिकार है। जिसके लिए चुनाव लड़ने वाले सभी सदस्यों को अपना अपराधिक रिकॉर्ड प्रस्तुत करने की ज़रुरत है.
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वहीँ इसी के साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ़ कर दिया है देश की संसद को चाहिए कि वह राजनीति को अपराधीकरण से मुक्त कराने के लिए कानून बनाने पर विचार करे। साथ ही न्यायालय ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से जुड़े उम्मीदवारों के रिकॉर्ड का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से गहन प्रचार किया जाना चाहिए। जिससे लोगो के आचरण के बारे में आम लोगो को जानकारी मिल सके .