दिल्ली एनसीआर (जनमत) : अब लोकसभा चुनाव को ज्यादा समय नहीं बचा है वहीँ विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में किसी भी तरह की चूक नहीं करना चाहता है. इसी के तहत केंद्रीय सरकार इस कार्यकाल में पहली बार विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है । हालाँकि सरकार को फिलहाल कोई विशेष खतरा होता नज़र नहीं आ रहा है चुकी संसद में संख्याबल सरकार के पास है और इस अविश्वास प्रस्ताव का कोई खास असर नहीं होता दिख रहा है.
संख्या बल साथ होने के बाद भी केंद्रीय सरकार के लिए राहत भरी खबर यह है की अन्नाद्रमुक का समर्थन सरकार के साथ है. इसी के साथ ही बीजेडी-टीआरएस के मतदान से दूर रहने के फैसले से शक्ति परीक्षण का का प्रभाव ख़त्म होता दिख रहा है. हालाँकि संसद में सदस्यों के मध्य तीखी नोक झोक ज़रूर होगी यह अलग बात है. आपको बता दे की लोकसभा में 534 सदस्य हैं। राजग को 310 सांसदों का समर्थन हासिल है। इसके अलावा उसे 37 सदस्यों वाले अन्नाद्रमुक का समर्थन मिला है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ सदस्यों की संख्या 347 हो गई है. जो की बहुमत से बहुत ज्यादा है. हालाँकि लोक सभा में शिवसेना के सांसद नहीं गए यह अलग बात है की पहले खबर आ रही थी की शिवसेना भाजपा का साथ देगी लेकिन अब ऐसा होता फिलहाल नज़र नहीं आ रहा है.