भोपाल(जनमत). राजधानी के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) ने जनता के लिए एक नई सुविधा शुरू करने वाली है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां अब नेत्रदान हो सकेंगे। साथ ही कार्नियल ट्रांसप्लांट का काम भी होगा।
गांधी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन ने एम्स में आई बैंक शुरू करने को मंजूरी दे दी है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) ने संभाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज को आर्गन ट्रांसप्लांट का लाइसेंस देने के लिए अधिकृत किया है। गांधी मेडिकल कॉलेज की नेत्र विभाग की टीम ने एम्स का निरीक्षण किया था। टीम को एम्स में सभी व्यवस्थाएं उनके मापदंडों के अनुसार मिली थीं। इसी आधार पर कॉलेेज प्रबंधन ने आई बैंक का लाइसेंस दिया है। एक से दो महीने के भीतर यह सुविधाएं शुरू हो जाएंगी।
आई बैंक बनने के बाद अब यहां पर नेत्रदान हो सकेंगे। प्रदेश के आई बैंकों में एम्स का आई बैंक सबसे ज्यादा सुबीदा जनक है। यहां पर कॉर्निया की क्वालिटी पता करने के लिए सेल काउंटर मशीन भी लगाई जाएगी। इसका ऑपरेशन थियेटर ऐसा बना है की इस में बैक्टीरिया व फंगस के संक्रमण का खतरा न रहे।
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