कोर्ट जा रहे बुजुर्ग की पिटाई के बाद हुई “मौत”…   

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गोरखपुर (जनमत) :- गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को दिनदहाड़े हुई एक दिल दहलाने वाली घटना में 65 वर्षीय झिनकू दुबे की हत्या कर दी गई। वे अपनी बहू के साथ जिला कोर्ट में बयान दर्ज कराने जा रहे थे। आरोप है कि ग्राम प्रधान रामेश्वर दूबे और उनके सहयोगियों ने स्कॉर्पियो से टक्कर मारने के बाद उन्हें लोहे की रॉड से बेरहमी से पीटा। घायल झिनकू को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

घटनाक्रम

झिनकू दुबे अपनी बहू के साथ बाइक से गोला-कौड़ीराम मार्ग पर देवकली गांव के पास पहुंचे ही थे कि सामने से आ रही एक स्कॉर्पियो ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मारी। बहू उछलकर सड़क किनारे गिर गई, जबकि झिनकू दुबे सिर के बल सड़क पर गिरे।

बहू ने बताया, “टक्कर मारने के बाद स्कॉर्पियो से चार लोग उतरे। उनके पास लोहे की रॉड थी। वे ससुर को बेरहमी से पीटने लगे। मैंने रोते हुए उन्हें छोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी।”

कुछ राहगीरों ने घायल झिनकू को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।

पुरानी रंजिश का नतीजा?

घटना के पीछे दीपावली के दिन हुई एक झगड़े को वजह बताया जा रहा है। उस दिन झिनकू दुबे और ग्राम प्रधान रामेश्वर दूबे के बीच विवाद हुआ था। झिनकू ने प्रधान और उनके परिवार पर मारपीट और छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था।

इस मामले में झिनकू अपनी बहू का बयान दर्ज कराने जिला कोर्ट जा रहे थे। इसी दौरान उन पर यह हमला हुआ।

एक दिन पहले की धमकी

झिनकू की बहू ने बताया कि घटना से एक दिन पहले प्रधान पक्ष से जान से मारने की धमकी मिली थी। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बहू ने आरोप लगाया, “अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो आज यह घटना नहीं होती।”

परिवार का आरोप

झिनकू दुबे के तीन बेटे चंद दुबे, अभय दुबे और राहुल दुबे घटना के वक्त घर पर मौजूद नहीं थे। परिवार ने ग्राम प्रधान रामेश्वर दूबे पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि टक्कर मारने वाली स्कॉर्पियो प्रधान की है।

ग्राम प्रधान रामेश्वर दूबे ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “झिनकू दुबे की मौत मार्ग दुर्घटना में हुई है। हत्या का आरोप निराधार है। घटना के समय मैं गुजरात में था। मेरी गाड़ी कहां थी, इसकी जानकारी मेरे पास नहीं है।”

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”

घटना ने कानून-व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर धमकी मिलने की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की होती, तो शायद झिनकू दुबे की जान बचाई जा सकती थी।

क्या कहता है कानून?

कानून विशेषज्ञों के अनुसार, अगर जांच में यह साबित होता है कि घटना जानबूझकर की गई थी, तो दोषियों पर हत्या और साजिश की धाराएं लगाई जाएंगी। वहीं, अगर यह केवल दुर्घटना पाई गई, तो मामला मोटर वाहन अधिनियम के तहत दर्ज होगा।

परिवार का दर्द

झिनकू दुबे के बेटे चंद दुबे ने कहा, “हमारे पिता को बेरहमी से मारा गया। यह एक सोची-समझी साजिश है। हम न्याय की मांग करते हैं।”

REPORT- ANGAD RAI

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…