प्रयागराज(जनमत):- दिल्ली में आयोजित तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ0 शादिक समेत 30 जमातियों को मंगलवार की शाम को सेंट्रल जेल नैनी भेज दिया गया। जेल प्रशासन ने इन सभी 30 जमातियों को बीते कई वर्षों से बंद पड़े पुराने महिला बैरक को साफ कराकर उसी में रखा है। हालांकि इन जमातियों के आने के बाद से जेल प्रशासन और कैदियों दोनों के होश उड़े हुए हैं।
जब प्रयागराज जिला प्रशासन ने मंगलवार को प्रयागराज में मिले सात इंडोनेशियाई, नौ थाईलैंड, एक पश्चिम बंगाल समेत अन्य प्रांतों के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. शादिक समेत 30 लोगों को नैनी स्थित महबूबा पैलेस के अस्थाई जेल से केंद्रीय कारागार नैनी लाया गया। जहां वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर आदि ने बंदीरक्षकों के साथ मिलकर एंबूलेंस से भेजे गए सभी जमातियों की पुरानी महिला बैरक के गेट पर ही पहले गहन चेंकिंग कर के जेल के अंदर कर दिया। उनकी सिक्योरिटी के लिए अलग से बंदीरक्षकों को लगाया गया है। जो कि उनकी हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।
करीब एक दशक से बंद पड़ी पुरानी महिला बैरक को मंगलवार को ही जेल प्रशासन ने झाड़ झंखाल साफ कराया। उसको रहने लायक बनाया गया। उसी में रखे गए सभी 30 जमातियों के लिए जेल प्रशासन ने अलग से उनके पास बर्तन रखवा दिए हैं। जेल के अंदर बनने वाला खाना लेकर बंदीरक्षक और नंबरदार वहां जाएंगे और सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए उनके बर्तन में खाना डालकर चले आएंगे। वह अपना बर्तन और कपड़े खुद धुलेंगे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया उनका बाकी कैदियों से कुछ लेना देना नहीं रहेगा। एकदम अलग-थलग रखे जाएंगे।
केंद्रीय कारागार नैनी के महिला बैरक में रखे गए 16 विदेशियों समेत 30 जमातियों की सुरक्षा व्यवस्था भी तगड़ी कर दी गई है। उनकी सुरक्षा के लिए बैरक के बाहर एवं आसपास 1 सब इंस्पेक्टर के साथ 8 सिपाही और 8 होमगार्ड लगातार पहरा देंगे। इसके अलावा जेल प्रशासन की ओर से 8 बंदीरक्षकों को भी अंदर की निगरानी के लिए रखा गया है। जिन्हें सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इन तब्लीगी जमातियों पर नजर रखने को कहा गया है।
Posted By:- Amitabh Chaubey