मैनपुरी(जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी में 5 बिजलीघरों से जुड़े 31 उपभोक्ताओं के बिलों से 47 लाख रूपया की गड़बड़ी का मामला सामने आया है।अधिशासी अभियन्ता ग्रामीण की आईडी से बिलों को ओटीएस योजना में समाहित किया गया और उपभोक्ताओं को जमा बिल की रसीद भी जारी कर दी गयी। जब कि ये धनराशि विभाग के खाता में नहीं पहुंची तो उपभोक्ताओं के नाम पुनः बिल भेजकर उनके कनेक्सन काट दिये गये थे।
मामले में अधिशासी अभियन्ता ग्रामीण फंस गये है, एक संविदाकर्मी कम्प्यूटर आपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी है, मामले की जांच चल रही है। मामले में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता इजहार अहमद की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनायी गयी है। जांच में अधिशासी अभियन्ता ग्रामीण गुरूचरण लाल भटनागर को विभागीय दायित्व व आईडी के संचालन के कार्यो में लापरवाही का दोषी पाया गया है। उनसे 15 दिन के अन्दर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। पक्ष न रखने पर विभागीय कार्यवाई की चेतावनी दी गयी है।
मामले में संविदाकर्मी कम्प्यूटर आपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। यही कम्प्यूटर आपरेटर अधिशासी अभियंता ग्रामीण गुरूचरण लाल की आईडी चला रहा था। उसी के द्वारा 31 उपभोक्ताओं के बिलों में 47 लाख रूपया की गड़बड़ी की गयी। ये उपभोक्ता करहल तहसील इलाके के है। उपभोक्ताओं ने शिकायत की थी कि उन्होने विद्युत विभाग में एक मुश्त समाधान योजना में पंजीकरण कराने के बाद विभागीय कार्यालय जाकर शेष बिलों की धनराशि जमा करके रसीद हासिल कर ली थी लेकिन कुछ समय बाद विभाग ने नए सिरे से विद्युत बिल भेज दिये और उनके कनेक्सन काट दिये।