लखनऊ (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में हाहाकार तब मचा गया जब योगी सर्कार ने ने सरकारी विभागों में कार्य कर रहे 50 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने का फैसला लिया | यूपी की सरकारी विभागों में कार्यरत 50 साल से अधिक उम्र वालों को जबरन रितायेर करने जा रही है। ऐसे कर्मचारी जो भ्रष्टाचार, गंभीर बीमारी, काम न करने वाले और जांच में फंसे हैं उनके अनिवार्य रिटायरमेंट पर 31 जुलाई तक फैसला करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी जानकारी 15 अगस्त तक कार्मिक विभाग को देनी होगी।
आपको बता दें कि यूपी में कर्मचारी 60 साल की उम्र पूरी होने पर रिटायर किए जाते हैं। पहले कुछ विभागों में 58 साल भी था। मंगलवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने विभागाध्यक्षों को एक आदेश जारी किया जिसके बाद राज्य कर्मचारी में हाहाकार मचा गया है। दरअसल, इस आदेश में कहा गया है कि स्क्रीनिंग कमेटी 31 मार्च 2022 को 50 साल की आयु पूरी करने वालों के नामों पर विचार करेगी। यह आयु पूरी करने वाले किसी सरकारी सेवक के मामले में स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखकर यदि उसे सेवा में बनाए रखने का फैसला एक बार कर लिया जाता है, तो बार-बार स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष उसके नाम को पुन: रखने की जरूरत नहीं है। ऐसे कर्मचारी को सेवानिवृत्त की अवधि तक सेवा में बनाए रखा जाएगा।ऐसे कर्मचारी जो जिस पद पर है उसके लिए उपयोगी हैं। जिनका प्रदर्शन बेहतर है।
अपने काम को पूरी निष्ठा से कर रहे हैं। जिन कर्मचारियों पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं
जिस कर्मचारी पर कोई जांच न हो रही हो
यूपी में डीजीपी मुख्यालय ने 11 जनवरी व दो फरवरी 2022 को भी इस संबंध में आदेश जारी किया था। इस संबंध में कार्रवाई डीजी/एडीजी सतर्कता, एसआईटी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, पीएसएल एवं सहकारिता, सभी जोनल एडीजी, चारों पुलिस आयुक्त, आईजी-डीआईजी जेल एवं अपर पुलिस अधीक्षक केंद्रीय वस्त्र भंडार कानपुर व सीआर सीतापुर के स्तर से होनी है।
यूपी ही नहीं दिल्ली सरकार में निष्क्रिय सरकारी कर्मचारी समय से पहले जबरन सेवानिवृत्त किए जाएंगे। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद उपराज्यपाल ने अब यह निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार के ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट देने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है।
Posted By – Vishal Mishra