गोरखपुर (जनमत) :- गोरखपुर जिले में स्थित आईटीएम कालेज के छात्रों द्वारा हमेशा देश हित में ध्यान में रखते हुए तरह – तरह के डिवाइस तैयार किये जा रहे है | 26 जनवरी 2023 के पहले आईटीएम कालेज के छात्रों ने एक ऐसा मशीनगन तैयार किया है जो आटोमेटिक है और रिमोट के माध्यम से उसको आपरेट किया जा सकता है। इस ऑटोमेटिक गन को देश का जवान किसी बंकर में रहकर रिमोट से चला सकता है l यहीं नहीं देश का जवान सुरक्षित रहते हुए देश के दुश्मनों को परास्त कर सकते है। इस गन में 360 डिग्री कैमरा लगा है | जो गन के सामने और अगल बगल नजर रखेगा और आपरेट करने वाला सैनिक उसको अपने मोबाइल और लैपटॉप पर देख सकता है। एक ही जगह से उसको आपरेट कर सकता है।
इस तरह की डिवाइस से देश के जवानों की जन हानि नही होगी और दुश्मन परास्त होगा। इंजीनियरिंग के इन छात्रों ने कहा कि विद्यालय में रखे हुए स्क्रैप से यह गन बनाया गया है अभी इसको और बेहतर बनाया जा सकता है। वाईफाई से चलने वाले इस गन की रेंज 100 मीटर तक है। मानव रहित बॉर्डर सिक्योरिटी गन) गोरखपुर आईटीएम के छात्रों ने देश के जवानों को ठंड से बचाने के लिये अपने कॉलेज में पड़े कबाड़ के सामानों से एक वाई – फाई गन तैयार किया हैं जो बॉर्डर पर तैनात देश के जवानों को ठंड से हीं नहीं बल्कि दुश्मन की गोलियों से भी रक्षा करेगा | गोरखपुर गीडा स्थित आईटीएम इंजिनियरिंग कालेज के थर्ड ईयर के मैकेनिकल इंजिनियर डिपार्टमेंट के चार छात्र दिग्विजय यादव, कन्हैया यादव, कृष्णा शाहनी, अनुराग श्रीवास्तव, ने मिलकर कॉलेज के इन्नोवेशन सेल में सेना के लिये इस यन्त्र को तैयार किया हैं। छात्रों द्वारा बनाये गये वाई -फाई गन की मारक क्षमता तक़रीबन 100 मीटर है l
गन को सेना के जवान कई किलोमीटर दूर से सुरक्षित स्थान से अपने कम्प्यूटर या मोबाइल से संचालित कर सकेंगे। वाई-फाई गन में लगे कैमरे से 360 डिग्री में रोटेट कर चारो तरफ दुश्मन पर नजर रखा जा सकता हैं। वाई -फाई गन के प्रोटोटाईप मॉडल में 2 इंच के दो मेटल के बैरल हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक बुलेट लगाई जाती हैं | बुलेट को गन में लोड करने के बाद हम जरुरत पड़ने पर वाई -फाई के ज़रिये गन को फायर का कमांड दें सकतें हैं l बॉर्डर पर तैनात देश के जवानों को दुश्मनों पर नजर रखने में आसानी होंगी साथ में हमारे जवानों के जान माल का नुकसान भी बहोत कम होगा l आईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ0 एन. के. सिंह ने बताया हमारे छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया मिशन को देखते हुए। देश के जवानों की सुरक्षा के लिये एक अच्छा प्रयास किया हैं l
छात्रों को उचित सहयता व मार्गदर्शन के हेतु कॉलेज प्रशासन की तरफ से गृह मंत्री को पत्र लिखा गया हैं l मानव रहित गन का प्रोटोटाईप बनाने में लगभग 20 दिनों का समय लगा हैं l 18000 हजार रुपये का खर्च आया हैं l मानव रहित गन को बनाने में किन-किन चीजों का इस्तेमाल कियागया : कार के साकार स्प्रिंग, 2 इंच की मेटल पाईप, वाई -फाई, कैमरा, 9वोट बैटरी, स्विच, लोहे के पार्ट्स इत्यादि लगाकर बनाया गया है |