लखनऊ (जनमत) :- राजधानी लखनऊ में पुलिस की मुस्तैदी के बीच के पुराने इलाके में 10वीं मोहर्रम ‘यौमे-आशूरा’ का जुलूस शिया धर्मगुरु कलबे जव्वाद की अगुवाई में निकाला गया। जिसमे चारो तरफ हुसैन की याद में मातम की आवाजें गूज उठी। हर अजादार मातम-ए-हुसैनी का सोगवार था। इस दौरान जगह-जगह भारी पुलिस फोर्स चप्पे चप्पे पर तैनात रही। जुलूस विक्टोरिया स्ट्रीट से अकबरी गेट, नक्खास और बिल्लौचपुरा होता हुआ मंसूर नगर तिराहा शिया यतीम खाना होता हुआ दरगाह हजरत अब्बास पहुंचा। जिसके बाद अजादारों ने मातम कर करबला के शहीदों को पुरसा दिया। वहीँ जवानों ने कई रूटों पर मार्च करके हालात का जायजा भी लिया।
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हजरत हुसैन इराक के शहर करबला में यजीद की फौज से लड़ते हुए शहीद हुए थे। मोहर्रम के महीने में इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को इराक के बयाबान में जालिम यजीदी फौज ने शहीद कर दिया था।