कौशाम्बी (जनमत) :- वक़्त के साथ तमाम चीजे बदल जाती है लेकिन उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी के दारानगर में आयोजित होने वाली रामलीला का कुप्पी युद्ध आज भी अपना स्वरुप कायम किये हुए है| इस युद्ध में राम-रावण दल की सेनाये वास्तविक युद्ध करती है| जिसे देखने के लिए आसपास के इलाके से बड़ी तादात में लोग जमा होते है| यहाँ की राम लीला अनवरत 244 वर्षो से बिना किसी बाधा के परंपरा अनुसार होती चली आ रही है| कुप्पी युद्ध का रोमांच ही ऐसा होता है की इसे देखने के लिए दर्शक खुद ब खुद मैदान में खिचे चले आते है| दो दिवसीय कुप्पी युद्ध में पहले दिन काले कपड़ों में सजी रावण की सेना की जीत होती है तो दूसरे दिन लाल कपडे में युद्ध करने वाले राम की सेना असत्य पर सत्य की जीत का विजय पर्व मानती है|
यह दृश्य देखकर यह मत सोचियेगा कि किसी झगडे का दृश्य होगा| बल्कि यह दृश्य है दारानगर में 244 वर्षों से आयोजित होने वाली कुप्पी युद्ध का है| जिसमे राम और रावण की दो सेनाये आमने-सामने होती है| भगवान राम की सेना लाल और रावन की सेना काले कपडे मैं होती है| आमना सामना होने पर दोनों सेनाओ के बीच प्लास्टिक की कुप्पी से युद्ध होता है| आयोजकों के सिटी बजाते ही राम व रावण दोनों ही दल के सेनानी जिस तरह एक दूसरे पर टूट पड़ते है उसे देख कर दर्शक रोमांच से भर उठते है|
रामलीला आयोजक इस युध्द को सजीव करने के लिए महीनो मेहनत करते है| महीनो पहले से तयारी शुरू हो जाती है| बल्लियों से घिरे बड़े मैदान में युध्द के दौरान दोनों दल की सेना इस कदर बेकाबू हो जाती है कि उन्हें सम्हालना आयोजकों के लिए कभी कभी मुश्किल हो जाता है| एक कुप्पी युद्ध के सम्पन्न होने पर मेघनाथ वध और कुम्भकर्ण वध की भी लीलाये होती है| दारानगर की रामलीला का इतिहास 240 वर्ष पुराना है। यहाँ जैसा कुप्पी युद्ध कही और नही होता| आयोजक बताते है कि जहाँ हमारा समाज उंच नीच जाती धर्मं के नाम पर बाँट रहा है वही यहाँ के इस रामलीला मैं पिछले 240 सालो से रावन की दलित सेना व भगवान राम की सेना पल भर के लिए भले ही एक दूसरे के दुश्मन बन जाते है.
REPORT- RAHUL BHATT..
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…