डोली की जगह उठेगी “बेटी” की अर्थी…

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फतेहपुर (जनमत):- देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध के बीच फतेहपुर के हुसैनगंज थाने के एक गांव में दुष्कर्म के बाद जलाई गई अठारह साल की युवती छठे दिन जिंदगी की जंग हार गई। उसने गुरुवार की सुबह लगभग सात बजे कानपुर हैलट में दम तोड़ा। संक्रमण के चलते एक-एक अंग निष्क्रिय होते चले गए।

उधर, गांव में मौत की खबर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। गांव में एहतियातन पुलिस व्यवस्था बढ़ा दी गई। गांव वाले पुलिस की पूछताछ को लेकर सहमे हैं। किसान परिवार की इस युवती को 14 दिसंबर की सुबह लगभग दस बजे घर के दरवाजे पर आग का गोला बन छटपटाते देखा गया था। ग्रामीणों की मदद से आग बुझाई गई, लेकिन तब तक युवती काफी हद तक जल चुकी थी। उसे एंबुलेंस से पहले सीएचसी हुसैनगंज फिर सदर अस्पताल पहुंचाया गया। यहां हालत बिगड़ने पर दोपहर लगभग डेढ़ बजे एएसएल एंबुलेंस से कानपुर हैलट भेज दिया गया। वह करीब 117 घंटे तक जिंदगी के लिए जूझती रही।

इसी बीच नायब तहसीलदार के साथ ही महिला थानाध्यक्ष ने पीड़िता के बयान लिए थे। हालांकि कानून का हवाला रख इसे गोपनीय रखा गया। दुष्कर्म के बाद जला दी गई युवती की शादी के लिए परिजन लड़के की तलाश रहे थे। वह गरीबी से लड़ते हुए बेटी के लिए रुपये व सामान भी जुटा रहे थे। जब से पता चला था कि बेटी के गांव के रिश्ते का चाचा ही उसके पीछे पड़ा हुआ है तो माता-पिता ने यह तय कर लिया था कि अगले साल गर्मी तक शादी कर ही देंगे। शादी हो जाने तक वह दूरी बनाए रखे। यही वजह थी कि युवती के परिवार वालों ने रिश्ते के चाचा के परिवार वालों को आगाह कर दिया था कि अपने बेटे को कहीं बाहर भेज दें।

Posted By :- Ankush Pal