देश/विदेश (जनमत) :- दशको तक अमेरिका की सरपरस्ती में अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत रखने वाले पाकिस्तान ने अब अमेरिका का साथ देना अपनी गलती बताया है. हालाँकि यह सर्वविदित है कि पकिस्तान लंबे समय से अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादियों को शरण देने के लिए करता आ रहा है। हालांकि ये बात और है कि उसने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। मगर एक साल पहले देश की सत्ता में आने वाले इमरान खान कई बार इस बात को मान चुके हैं उनके देश की जमीन पर आतंक न केवल पाला-पोसा है बल्कि यहां कई आतंकी संगठनों के दहशतगर्दो को प्रशिक्षण दिया गया है। इसी कड़ी में इमरान खान का ताज़ा बयां चर्चा के केंद्र में हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेश संबंधों की परिषद में स्वीकार किया है कि अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने अलकायदा को प्रशिक्षण दिया जो कि उसकी सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा 9/11 आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका पर विश्वास किया, उसकी मदद की लेकिन यही पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल साबित हुई। इससे पाक की अर्थव्यवस्था को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान की अमेरिका के सामने लगाई गई गुहार काम नहीं आई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को अपना दोस्त बताया है।
Posted By :- Ankush Pal