एटा (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के विकास खंड अलीगंज क्षेत्र के ग्रा बनी स्थित इंग्लिश मीडियम प्राइमरी विद्यालय में शिक्षा सत्र की शुरुआत से लेकर अब तक महज मिड डे मील इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति विवाद चलता रहा। पूर्व में स्थानांतरित हुए प्रधानाध्यापक के बाद आज तक विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त चला आ रहा है जिसके चलते स्कूली बच्चे मध्यान्ह भोजन से वंचित चल रहे हैं।विद्यालय के बच्चों को अपने अपने घरों पर ही भोजन करके आना पड़ता है।
बताया जा रहा है की पिछले शिक्षा सत्र में असलम नाम के प्रधानाध्यापक तैनात थे जिनका स्थानांतरण होने के बाद नए प्रधाना अध्यापक की तैनाती होनी थी। लेकिन विद्यालय में पहले से तैनात शिक्षकों को में प्रधानाध्यापक पद की जिम्मेदारी के प्रति रुचि ना होने के चलते पद ग्रहण नहीं किया गया जिसके चलते विद्यालय में शासन द्वारा संचालित मिड डे मील योजना के अंतर्गत बनने वाला मध्यान्ह भोजन नहीं बन पा रहा है। प्रत्येक दिन की तरह विद्यालय प्रतिदिन खुलता है बच्चे विद्यालय में आते हैं शिक्षक भी प्रतिदिन विद्यालय में शिक्षण कार्य करने आते हैं |
हर रोज की भांति रसोईया भी विद्यालय में ड्यूटी पर तैनात मिलती है लेकिन मध्यान भोजन में उपयोग में आने वाले खाद्य पदार्थ उपलब्ध ना होने की वजह से स्कूली बच्चे लगातार महीनों से मध्यान भोजन से वंचित चल रहे हैं हालांकि इस पूरे प्रकरण को लेकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को भी अवगत कराया गया विद्यालय लेकिन अपनी अपनी समस्याओं का हवाला देते हुए विद्यालय में तैनात शिक्षकों ने पद ग्रहण करने की जिम्मेदारी को समझते हुए पल्ला झाड़ लिया गया। विद्यालय में तैनात शिक्षक प्रधाना अध्यापक पद इसलिए ग्रहण नहीं करना चाहते क्योंकि प्रतिदिन उन्हें विद्यालय के बच्चों के लिए ताजी हरी सब्जियां फल और खाद्य पदार्थ लाने की जिम्मेदारी बखूबी से निभानी पड़ती।
उत्तर प्रदेश में स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत कस्बा ग्रामीण अंचलों में लगातार सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से प्राइमरी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं साथ ही बच्चों को विद्यालय के अंदर ही रोस्टर के अनुसार मध्यान भोजन दिए जाने की व्यवस्था की जाती है।मिड डे मील योजना पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन एटा के इस विद्यालय में शिक्षकों उदासीनता के चलते सरकारी निर्देशों की लगातार अवहेलना करते हुए महज इसलिए मध्याह्न भोजन नहीं बन पा रहा क्योंकि विद्यालय में तैनात शिक्षकों की रूचि प्रधानाध्यापक पद ग्रहण करने की नहीं है। हालांकि इस प्रकार की जानकारी शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को होते हुए भी आज तक कोई ठोस कार्यवाही अंजाम तक नहीं पहुँची ।
गाँव के ही रहने वाले बृजेश पांडे ने बताया कि विद्यालय के अंदर 3 से 4 महीने से लगातार मध्याह्न भोजन नहीं बन रहा बच्चों को अपने घर पर भोजन खा कर आना पड़ता है जिसकी जानकारी कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी जा चुकी है। विद्यालय की छात्रा कंचन ने बताया कि विद्यालय में खाद्य पदार्थ उपलब्ध ना होने की वजह से मिड डे मील नहीं बन पा रहा जिसकी वजह से स्कूली बच्चों को भोजन घर पर करके आना पड़ता है। स्कूल की नन्ही मुन्नी छात्रा शिखा ने कहा महीनों से विद्यालय में खाना नहीं बन पा रहा घर से खाना लेकर आते हैं जिसको विद्यालय में ही खाते हैं।
मामले पर जब खंड शिक्षा अधिकारी आनंद द्विवेदी से बातचीत की गई तो होने बताया की पूर्व में तैनात प्रधानाध्यापक असलम का स्थानांतरण होने के बाद संकुल शिक्षकों को कार्यभार सौंपने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से संकुल शिक्षकों को प्रभार ना सौपे जाने के निर्देश दिए गए जिसके चलते संकुल शिक्षक से कार्यभार वापस ले लिया गया ऐसे में। कार्यभार की जिम्मेदारी पहले से तैनात शिक्षकों में से किसी एक की बनती है।
विद्यालय में फिलहाल चार शिक्षक मय शिक्षा मित्र की तैनात हैं। जिसमें विद्यालय में तैनात शिक्षिका सना और अनुज प्रताप सिंह वरीयता क्रम में आते थे विद्यालय का पदभार ग्रहण करने के निर्देश शिक्षकों को दिए गए लेकिन दोनों शिक्षकों ने अपनी अपनी समस्याएं बताते हुए पद ग्रहण करने से इंकार कर दिया मामले को लेकर जिले के आला अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। फिलहाल प्रधानाध्यापक पद नीति विवाद के चलते विद्यालय के बच्चे मध्याह्न भोजन से लगातार वंचित हैं।
Report By – Nand Kumar
Published By – Vishal Mishra