अलीगढ़ (जनमत ):- सड़कों पर घूमने वाले आवारा गोवंशों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अरबों रुपये खर्च कर बनाई गई निराश्रित गौशालाये आवारा गोवंशों का ठिकाना नहीं, बल्कि गोवंशों की मौत का घर साबित हो रही है। राजीपुर गांव की निराश्रित गौशाला में आवारा गोवंशों की चारे पानी की व्यवस्था ना होने के चलते भूख ओर प्यास से तड़प तड़प कर हो रही मौत और गोवंशों की दुर्दशा को लेकर ग्रामीणों में काफी रोष है। ग्रामीणों का आरोप है कि गोवंश अपने पैरों पर चलकर अगले दरवाजे से गोशाला में आती तो है, लेकिन गौशाला में चारे पानी की व्यवस्था नहीं होने के चलते कुछ ही दिनों में मौत के शिकार होते हुए पिछले दरवाजे से मौत बनकर निकल भी जाती है। जिसके चलते गोशाला अब गोवंशों की मौत का घर बन गई, और राजीपुर के लोगों ने गोशाला को गौवंशों की मौत का घर कहना शुरू कर दिया।
आपको बता दें कि निराश्रित गौशाला में आवारा गोवंशों की हो रही दुर्दशा की ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ जिले की तहसील कॉल के ब्लाक अकराबाद इलाके के राजीपुर गांव से निकलकर सामने आया है। जहां राजीपुर गौशाला में चारे पानी की व्यवस्था ना होने के चलते गोवंशों की हो रही दुर्दशा और उनकी तड़प तड़प कर हो रही मौतों को लेकर स्थानीय ग्रामीण गुलाब सिंह का कहना है कि आवारा गोवंश गौशाला में अगले गेट से आते तो है अपने पैरों पर चलकर, लेकिन गौशाला के पिछले गेट से मौत बन कर निकल जाते हैं।जिसके चलते अब गौशाला उनकी मौत का घर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गौशाला की दुर्दशा को लेकर उनके द्वारा ग्राम प्रधान से लेकर जिले के उच्च अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई। लेकिन समस्या का कोई निदान नहीं किया गया। जिसके चलते निराश्रित गौशाला में रहने वाले आवारा गोवंशों के चारे पानी की व्यवस्था ना होने के चलते भूख से तड़प तड़पकर गौशाला में रह रहे गोवंश आए दिन मौत के शिकार हो रहे हैं।
वही गौवंशों की देखरेख कर रहे सुखदेव ने बताया कि गौवंशों के चारे के लिए 30 रूपये प्रति पशु के हिसाब से आते है लेकिन उससे इन पशुओं का कुछ नही होता, देखरेख करने के एवज मे 3500 रूपये मिलते हैं, जो मनरेगा मजदूरी से भी कम है, पिछले 7 माह से वेतन ही नहीं मिला, वहीं ब्लाक अकराबाद क्षेत्र में अन्य गौशालाओं की दुर्दशा देखने लायक है।
REPORT- AJAY KUMAR…
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL..