लखनऊ (जनमत) :- राजधानी लखनऊ मे आज शिक्षक दिवस के मौके पर आज माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षकों ने अपनी मानदेह की मांग को लेकर लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर जोरदार प्रदर्शनकर अपने बल मुड़वा व् भीख कर जताया विरोध जताया |वहीं मानदेय बंद होने के विरोध में मंगलवार से ईको गार्डन में प्रदर्शन कर रहे माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक आज हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पहुँच गए। यहां शिक्षकों ने पांच सितंबर ‘शिक्षक दिवस’ को ‘भिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया और भिक्षा व् अपना मुंडन कराया |इस दौरान कई महिला पुरुष शिक्षकों ने अपने सिर का मुंडन करवाकर विरोध जताया।वही प्रदर्शन मे मौजूद शिक्षको का विरोध देख पुलिस ने उन्हे समझने के साथ साथ हटने का प्रयाश किया| लेकिन वह मैंने को तैयार नहीं हुवे | जिसके बाद पुलिस ने उन्हे जबरजस्ती उठा कर खींच कर बसों और गाड़ियों मे लाद कर आलमबाग इको गार्डन भेज दिया |
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वही प्रदर्शन कर रहे माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षको ने बताया कि सरकार ने हमारा मानदेय बंद कर दिया है, जिसके चलते शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने योगी सरकार के इस निर्णय को पक्षपातपूर्ण करार दिया।साथ ही कहा कि डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कई धरना-प्रदर्शन व सम्मेलनों में मानदेय दिए जाने का आश्वासन दिया लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया जा सका। सरकार के इस रवैये के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस पर वित्तविहीन सारे शिक्षकों ने लखनऊ की सड़कों पर निकलकर भिक्षा मांगने के साथ साथ महिलाओ और पुरुषो ने अपना मुंडन करा कर जो जो पैसा इकटा कर मुख्यमंत्री को दे गे जिससे उनकी तंगी दूर हो सके क्यों की यह सर्कार झुगलोबजों की सरकार है | क्यों कि इस से पहले की सर्कार मे हम लोगो को इक हजार रूपए मिलते थे और इस सरकार ने वादा किया था कि यदि बीजेपी की सरकार बने गी तो वह उनको सम्मान देगी और जो मानदेह मिल रहा है वह भीख के सामान है जिसके चलते हम भोले भले शिछक इनके साथ हो गए |अब इनकी सरकार है फिर भी इन्होने अपन वादा पूरा नहीं किया|और जब आज शिछक दिवस के अवसर पर हम लोग शांति पूर्ड प्रदर्शन कर रहे है तो हम लोगो को जबरजस्ती घसीट कर हम लोगो की भगाया जा रहा है |यदि इसी तरह का तनहा सह रहा तो इस प्रदेश मे जीने से क्या फायदा हम लोग विधनसभा के सामने आत्मदाह कर लेगे |