6 मजदूरों की मौत के मामले में फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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कानपुर देहात/जनमत। पिछले दिनों गद्दा फैक्ट्री में लगी आग में झुलसकर 6 मजदूरों की मौत के मामले में जहां एक तरफ सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है तो वही फैक्ट्री मालिकों पर की गई कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अग्निशमन अधिकारी कृष्ण कुमार के द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के तहत फैक्ट्री मालिकों को सहूलियत देने जैसी स्थिति नजर आई। जिसके चलते इस पर सवाल भी खड़े हो रहे है। वही जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता ने फैक्ट्री में हुए अग्निकांड और जलनशील पदार्थ के इस्तेमाल को देखते हुए कहा कि फैक्ट्री मालिकों पर मानव वध की धारा में कार्रवाई होनी चाहिए।

बतादें कि रनिया औद्योगिक क्षेत्र में बनी आरपी पॉलिपैक गद्दा फैक्ट्री में 21 सितंबर की सुबह अचानक आग लग गई। फैक्ट्री परिसर में अति ज्वलनशील एलपीजी गैस का इस्तेमाल और भंडारण के चलते आग ने विकराल रूप ले लिया। जिसके चलते करीब सात मजदूर झुलस गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और गंभीर मरीजों को कानपुर और कानपुर से लखनऊ रेफर किया गया जहां तीन मजदूरों ने दम तोड़ दिया तो वही रेस्क्यू टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आग के मलबे से तीन मजदूरों के जले हुए शव भी बरामद किए। जिससे घटना में 6 मजदूरों के जलकर मौत की पुष्टि हुई। मृतक मजदूरों के परिवार में चीख पुकार मच गई तो घायलों का उपचार आज भी जिला अस्पताल में चल रहा है।


भीषण अग्निकांड के बाद अग्निशमन अधिकारी कृष्ण कुमार ने फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ एफआईआर कराई जिसपर सवाल भी खड़े हुए। क्योंकि जिन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है इसमें 7 वर्ष से कम की सजा का प्रावधान था। जिससे यह साफ हो रहा था कि अग्निशमन विभाग ने इतनी बड़ी घटना के आरोपियों को सहूलियत प्रदान की। वही जिला प्रशासन ने फैक्ट्री को भी सीज कर दिया। जबकि कानपुर देहात में सैकड़ो फैक्ट्रियां आज भी ऐसी है जो मानकों को तांक पर रख कर बिना फायर की एनओसी के ही संचालित हो रही है। क्या वहाँ भी किसी घटना का इंतजार अग्निशमन विभाग कर रहा है या उन फैक्ट्रियों पर समय रहते कार्यवाही कर बन्द कराई जाएंगी।
अग्निशमन अधिकारी की दर्ज एफआईआर के मामले में पुलिस अधीक्षक बीबी जीटी एस मूर्ति ने जांच अधिकारी को निर्देशित किया कि मामले की जांच गहनता से हो। जिस पर जांच करते हुए जांच अधिकारी देवेंद्र कुमार पाल ने बीएनएस की धारा 326 बढ़ा दी है। जिसके चलते अब फैक्ट्री मालिकों की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही है। क्योंकि धारा 326 के तहत आरोपित फैक्ट्री मालिकों पर 10 वर्ष या उससे अधिक आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है। फिलहाल पुलिस जांच अधिकारी इस पूरे मामले में सभी बिंदुओं की बारीकी से जांच कर रहे हैं।

REPORTED BY – AKHILESH TRIVEDI

PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR