ट्रस्ट की आड़ में मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी करने का आरोप में DM ने बैठाई जांच

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कौशांबी/जनमत 30 अक्टूबर 2024। जिले में संचालित मनोरोगी आश्रय स्थल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। संस्था में काम करने वाले एक कर्मचारी ने आरोप लगाया कि संचालक मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी करता है। इतना ही नही शव को परिसर में ही जमीन के नीचे दफन कर देता है। अंसार अहमद ने डीएम, एसपी से शिकायत करते हुए मामले में जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की है। डीएम ने मामले में जांच टीम गठित कर जांच के आदेश दिए है।

मामला सराय अकिल थाना क्षेत्र के मिन्हाजपुर गांव का है। जहाँ पुरखास गांव के रहने वाले अंसार अहमद ने बताया कि मिन्हाजपुर गांव के बाहर जंगल में मनोरोगियों के इलाज के लिए बना अंब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालन करीब पिछले सात आठ सालों से किया जा रहा है। पांच साल पहले अंसार अहमद वहां काम करता था। अंसार अहमद का आरोप है कि संस्था का संचालक मेहंदी अली राजपूत मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी करता है और वह शव को परिसर में ही गड्ढा खोद कर जमीन के नीचे दफन करवा देता है। उसने दावा किया है कि जहाँ एक मनोरोगी की हत्या के बाद शव दफन किया गया है उस जगह को वह एक साथी के साथ चिन्हित करा सकता है। हालांकि मेहंदी अली राजपूत का पुराना नाम अनुज सिंह है। वह प्रयागराज के 23/19 नार्थ मलाका का रहने वाला है।

मनोरोगियों की हत्या कर मानव अंगों की तस्करी का मामला शनिवार को सामने आया तो खुफिया एजेंसी भी अलर्ट हो गई। विभागीय सूत्रों की माने तो लोकल इंटेलिजेंस मनोरोगी आश्रय संचालक की कुंडली खंगालने में जुटी है। वहीं, आईबी ने संस्था में मनोरोगी की हत्या की आशंका की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी है। उनकी जांच में अब तक यह पता चला है कि लंदन, अमेरिका और सउदिया से संस्था को फंडिंग हो रही है। बताया जा रहा है कि विदेश में नागरिकता प्राप्त कर चुके लोगों से धर्मार्थ कार्य के नाम पर फंड लिया जाता है।


बतादें कि धर्मार्थ न्यास वन अम्ब्रेला चैरिटेबल ट्रस्ट पंजीयन जिला दिव्यांगजन अधिकारी कार्यालय में है। यह ट्रस्ट तकरीबन पांच बीघा में बना है, जिसमें 22 मनोरोगियों को इलाज के लिए रखा गया है। इनमें से 9 महिलाएं, 13 पुरुष हैं। ट्रस्ट के उत्तर, दक्षिण और पश्चिम दिशा में 10 फुट ऊंची दीवार की बाउंड्रीवाल बनी है। गेट पर 24 घंटे अंदर से ताला बंद रहता है। संचालक के आदेश पर ही वह खोला जाता है। आश्रय स्थल के पश्चिम और उत्तर दिशा में मनोरोगी महिला और पुरुष के अलग अलग कक्ष का निर्माण किया गया है। जबकि बीच में एक गेस्ट रूम बना हुआ है। पूर्व और दक्षिण दिशा की तरफ खेती की जाती है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक मनोरोगी आश्रय संचालक मेहंदी अली राजपूत को मिन्हाजपुर में रहते हुए तकरीबन 10 साल हो गए हैं। लेकिन उनके करीबी भी संचालक के बारे में नहीं बता पा रहे हैं। उसकी शादी इलाके की ही एक मुश्लिम महिला के साथ हुई है। कहा जा रहा है कि वह धर्म परिवर्तन कर हिंदू से मुस्लिम बना है। आधार कार्ड में उसका पता प्रयागराज से नार्थ मालाका नगर का है। जबकि वह रहने वाला राजस्थान का बताया जा रहा है।
डीएम मधुसूदन हुल्गी के मुताबिक ट्रस्ट का मामला उनके संज्ञान में है। मानव अंग की तस्करी के मामले में टीम गठित किया है। उस टीम में दिव्यांग कल्याण अधिकारी को भी शामिल किया गया है। हमारी टीम मौके पर जाकर जांच करेगी। ट्रस्ट के मान्यता को लेकर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

REPORTED BY – RAHUL BHATT

PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR