प्रतापगढ़ की पहचान अमृत फल और आंवले से हैं “ख़ास”…

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प्रतापगढ़ (जनमत):-  प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज ग्राम करमाही में पहुॅचकर एमएलसी/पूर्व जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह के यहां आयोजित श्रीमद् भागवत् कथा में सम्मिलित हुये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कथाव्यास जगतगुरू स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज को अंगवस्त्रम् व माला पहनाकर आर्शीवाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री के पूर्वजों को पुष्प की माला पहनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। एमएलसी डा0 महेन्द्र सिंह के भाई विजय नारायण सिंह, डा0 श्री नारायण सिंह, ललित नारायण सिंह व बड़े भाई के बेटे दुर्गेश सिंह ने मुख्यमंत्री को माला पहनाकर स्वागत किया।

कथाव्यास जगतगुरू स्वामी श्री राघवाचार्य ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यो की सराहना करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने एवं समस्त तीर्थस्थलों को सुन्दर एवं विकसित करने कार्य जो हुआ है वह बहुत ही सराहनीय है जैसे अयोध्या नगरी को संवारने का कार्य जो हुआ है वह विश्व में ख्याति प्राप्त हुई जिसके कारण पूरी दुनिया के लोग अयोध्या नगरी पहुॅच रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्तिक मास में आप सबको श्रीमद् भागवत महापुराण की पावन कथा को श्रवण करने का आनन्द प्राप्त हो रहा है, आप लोगों के लिये यह सौभाग्य की बात है। उन्होने अयोध्या धाम से पधारे जगतगुरू स्वामी श्री राघवाचार्य जी का हृदय से अभिनन्दन किया और कहा कि जगतगुरू स्वामी श्री राघवाचार्य जी अपनी विद्यवता से श्रीमद् भागवत कथा को वर्तमान में प्रत्यक्ष में समाज के समसामायिक समस्याओं के समाधान का एक माध्यम बनाकर करके कथा की वास्तविकता को हम सबको प्रमाणित करते है।

श्रीमद् भागवत् महापुराण को मोक्ष ग्रन्थ माना गया है जो सामान्य भाषा में मोक्ष का अर्थ मुक्ति से है। उन्होने कहा कि हर व्यक्ति के लिये कार्य क्षेत्र के अनुरूप सफलता का मार्ग जिससे प्रशस्त हो सके वही उसका मोक्ष है। आज से 5 हजार वर्ष पहले इस पावन कथा का श्रवण करने का गौरव उत्तर प्रदेश में महाराज परीक्षित को प्राप्त हुआ था, 5 हजार वर्षो से अधिक समय से जो कथा कोटि कोटि श्रद्धालुजनों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर रहा हो वह केवल एक कथा नही हो सकती उसके अन्दर छिपा हुआ एक अमृत तत्व भी है। उन्होने डा0 महेन्द्र सिंह जी व उनके परिवार के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया कि इतने पावन मास और सुरम्य स्थल में कथा का जो आयोजन किया गया ऐसे लगता है कि यहां पर श्रीकृष्ण तीर्थ स्थापित हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतापगढ़वासी अपने सहजता एवं सरलता के कारण जहां कहीं भी गये अपने विशिष्ट पहचान बनायी है। सभी लोग देश और दुनिया के अन्दर इसी तरह जाकर अपनी पहचान बनाये। प्रदेश के हित के लिये प्रतापगढ़ के विकास के लिये कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरे प्रदेश में जनपद प्रतापगढ़ की पहचान अमृत फल आंवले से जानी जाती है। इस अवसर पर एमएलसी/पूर्व मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्रम् एवं स्मृति चिन्ह देकर आर्शीवाद प्राप्त किया।.

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PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…