मथुरा/जनमत 12 नवम्बर 2024। शहर के प्रमुख कंस वध मेले का आयोजन किया गया। जिसमें चतुर्वेदी समाज ने कंस के पुलते को लाठियों से मारा। कंस के पुतले को डाकघर के सामने कंस टीले पर ले जाया गया। इसी बीच ठाकुर जी की सवारी गाड़ी में बैठकर कंस टीले के पीछे अंतापाड़ा पहुंची। ठाकुर जी के इशारे पर चतुर्वेदी समाज के लोगों ने कंस को लाठियों से झूरना शुरु कर दिया। कंस वध मेले के सहभागी बनने के लिए देश और विदेश से चतुर्वेदी समाज के हजारों लोग मथुरा आकर इस प्रसिद्ध कंस बध में भाग लिया।
चतुर्वेदी समाज के लोगों ने कंस्सा मार मधुपुरी आए, कंसा के घर के घबराए आदि गीत गाते हुए कंस टीले पर आनंद लिया। मेले को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग होलीगेट से लेकर छत्ता बाजार में जमे रहे। और इस मेले का आनंद लिया।
श्री माथुर चतुर्वेद परिषद के मुख्य संरक्षक अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने बताया कि असत्य पर सत्य की विजय, अत्याचार और अनाचार पर सदाचार की विजय का प्रतीक बना कंस मेला हजारों वर्ष बाद भी अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। मेले में देश-विदेश में रहने वाले चतुर्वेद समाज के लोग भाग लेने के लिए आते हैं, जिससे यह मेला चतुर्वेद समाज का समागम बना हुआ है।
REPORTED BY – JAHID
PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR