अयोध्या/जनमत/20 दिसम्बर 2024। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या स्थित हनुमान गढ़ी और रामलला का दर्शन पूजन किया। उसके बाद अशरफी भवन मंदिर में पंचनारायण महायज्ञ में सम्मिलित हुए। महायज्ञ में दिया आहुति। इस अवसर पर सीएम योगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान करना ही होगा। हमारे ऋषि मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले वसुधैव कुटुम्बकम की बात कही…
दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जिसने हर मत मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया है। लेकिन क्या कभी ऐसा हिंदुओ के हुआ क्या? क्या हुआ बांग्लादेश में, उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान में क्या हुआ था। हमारे सनातन धर्म की मान्यता है कि हमारे सृष्टि के संचालनकर्ता साक्षात सूर्यदेव यानी भगवान विष्णु हैं उन्ही की कृपा से सब सन्चालित होता है।
उन्होंने कहाकि आज यहां अयोध्या में इस महायज्ञ के माध्यम से आत्म शुद्धि और पर्यावरण की शुद्धि का कार्य हो रहा है, वो भी भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पर। यज्ञ की परंपरा हमारी हजारों वर्षों की परंपरा है। यज्ञ से ही वर्षा होती है, धनधान्य की उत्पत्ति होती है, इसी से आमजन को समृद्धि मिलती है। यह अशर्फी भवन पीठ प्रभु के आशीर्वाद की पीठ है। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान इस पीठ ने एक ऊंचाई पर पहुचाया..
सीएम योगी ने कहाकि 5 अगस्त 2020 को जब प्रधानमंत्री जी के करकमलों से प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ और 22 जनवरी 2024 को जब 500 वर्षों की प्रतीक्षा बाद प्रभु श्रीराम अपने धाम में स्थापित हुए, कौन ऐसा व्यक्ति धर्मावलम्बी रहा होगा जिसके आंखों में आंसू न आये हों। इसी लिए हमारे काव्य कहते है भारत की धरती पर जन्म लेना दुर्लभ है और उसपर मनुष्य जन्म लेना और दुर्लभ है। आज अयोध्या में रामलला का आगमन हो गया, डबल इंजन की सरकार ने जो संतो के मार्गदर्शन में कार्य बढ़ाया आज वो पूर्ण हो चुका है।
REPORTED BY AZAM KHAN
PUBLISHED BY MANOJ KUMAR