लखनऊ/जनमत/10 जनवरी 2025।17 जुलाई 2023 को विपक्षी दलों ने मिलकर I.N.D.I.A गठबंधन बनाया था. इस गठबंधन को बनाने का मुख्य उद्देश्य भाजपा को भारत की सत्ता से उखाड़ फेकना था, लेकिन ये मुनकिन ना हो सका और आलम अब ये है कि खुद ये गठबंधन ऐसे मोड़ पर आ खड़ा है जहां कहने को तो साथ हैं पर साथ रहने का कोई आश नहीं दिख रहा. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे आप इन दिनों I.N.D.I.A अलायंस के भीतर गजब की तोड़-फोड़ देखने को मिल रही है. अभी तक तो गठबंधन पर पर्दा डालकर हम साथ साथ हैं का गोलमाल किया जा रहा था. लेकिन दिल्ली चुनाव में ये पर्दा प्रथा पुरी तरह से खत्म करके खुलेआम विपक्षी दलों की सभी पार्टियां कांग्रेस का साथ ना देते हुए आम आदमी पार्टी का समर्थन की है.
विपक्षी दलों ने क्या कहा ?
यूपी उपचुनाव में जहां एक तरफ अखिलेश यादव कहते नजर आते थे कि कांग्रेस और सपा साथ चुनाव लड़ रही है लेकिन अब खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने दो टुक जवाब देते हुए कहा कि जो भी बीजेपी को हरायेगा सपा उसका साथ देगी. अखिलेश यादव ने दो टुक जवाब देते हुए कहा कि जो भी बीजेपी को हरायेगा सपा उसका साथ देगी.
तो वहीं टीएमसी ने भी दिल्ली चुनाव के लिए आप को चुना है. खुद अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर बताया कि ममता दीदी ने उनका समर्थन किया है और उसके लिए वे उनका तहे दिल से शुक्रिया करते हैं.
वहीं आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि ये तो पहले से ही तय था कि ये गठबधंन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक ही सीमित रहेगा. तो वहीं जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्लहा ने कहा कि गठबंधन को लेकर कोई क्लियरिटी नहीं है अगर ये गठबंधन सिर्फ पार्लियामेंट तक ही था तो इसे वाइंडअप करो.
क्या कांग्रेस का हाई कॉन्फिडेंस ही डुबो दिया ?
आपको बता दें कि गठबंधन में ये दरारें तबसे ज्यादा हो गई जबसे कांग्रेस हरियाणा और महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ी थी इसके बावजूद भी दोनों विधानसभा चुनावों में काग्रंस को बुरी हार का सामना करना पड़ा था तभी से सभी विपक्षी पार्टिया कांग्रेस के इस हाई कॉन्फिडेंस पर सवाल खड़े करने लगी थी. हालांकि अभी तक गंठबंधन के टुटने की कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, देखने वाली बात ये होगी कि क्या ये गठबंधन रहेगा या फिर बिखर जायेगा.
Published by Priyanka Yadav