देश/विदेश (जनमत) :- भारत-अमेरिका दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियों को देखते हुए जीएसपी कार्यक्रम में शामिल करने को लेकर 44 अमेरिकी संसादों ने पत्र लिखकर इस कार्यक्रम में शामिल किये जाने को लेकर पत्र लिखा है. इसका मूल उद्देश्य है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते आसानी से हो सकें। सांसदों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर को लिखे पत्र में कहा है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें अपने उद्योगों के लिए बाजारों की उपलब्धता सुनिश्चित करानी होगी। कांग्रेस (संसद) सदस्य जिम हाइम्स और रॉन एस्टेस की तरफ से लिखे पत्र में 26 डेमोक्रेट्स और 18 रिपब्लिकन सासंदों ने हस्ताक्षर किए हैं।
वहीँ इस दौरान कोलिशन फॉर जीएसपी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने बताया कि भारत से जीएसपी दर्जा छीने जाने के बाद से ही अमेरिकी कंपनियां संसद को नौकरियों और आमदनी के नुकसान के बारे में बता रही हैं।नए आंकड़ों के अनुसार, अकेले जुलाई में ही अमेरिकी कंपनियों को तीन करोड़ डॉलर (214 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है. इस दौरान उनका कहना था कि भारतीय निर्यातकों की हालत जीएसपी हटने के बाद भी बेहतर है, जबकि अमेरिकी कंपनियों को प्रतिदिन दस लाख डॉलर (सात करोड़ रुपये) नए टैरिफ के तौर पर चुकाने पड़ रहे हैं।