देश विदेश(जनमत):- रेलवे प्रशासन यात्रियो की सुविधाओं को और भी बेहतर बनाने के लिए एक के बाद एक सौगात दे रहा है। वही अब भारतीय रेलवे एक नया कदम उठा रहा| देश मै आतंकी खतरों को देखते हुए अब रेलवे स्टेशन पर या फिर ट्रेन के अंदर संदिग्ध आतंकवादियों का पता लगाने और ट्रेन के डिब्बों के साथ साथ अनुपयोगी सामानों की पहचान करने के लिए कोरस (रेल सिक्योरिटी कमांडो) जो की रेलवे की अपनी बनाई हुए एक नई कमांडो फ़ोर्स है उस की तैनाती शुरू कर दी है|
ये कमांडो आतंकी हमलों से लेकर नक्सली हमलों तक से निपटने में कुशल है। रेलवे सुरक्षा बल यानी आरपीएफ(R.P.F) के कमांडों कोरस की पहली बटालियन को बुधवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे को समर्पित कर दिया। इस मौके पर गोयल ने कहा कि रेलवे के संचालन और मौजूदा जरूरतों को देखते हुए इस तरह के कमांडो फ़ोर्स का महत्त्वपूर्ण योगदान है और इनका प्रशिक्षण इंटरनेशनल स्तर की होगी। कोरस के उच्च स्तरीय ट्रेनिंग के साथ ही इस पर बल दिया कि इनके संसाधनों में किसी भी प्रकार की कोई भी कमी ना हो|
एनएसजी कमांडो के पैटर्न पर रेलवे के लिए तैयार ये कमांडो किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार किये गए है और किसी भी स्थिति से निपटने में पूरी तरह कुशल है। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक ने बताया कि कोरस की पहली तैनाती नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में होगी। उन्होंने बताया कि कोरस कमांडो के ट्रेनिंग के लिए हरियाणा के जगाधरी शहर में एक अत्याधुनिक इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। कोरस ऐसे क्षेत्रों में तैनात होगी, जहां रेलवे की बड़ी बड़ी प्रोजेक्ट्स चल रहे हो।
इन जगहों में पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।’ फोर्स में महिला और पुरुष को मिलाकर कुल 1200 कमांडो हैं। चाहे आतंकी हमला हो, नक्सलियों का हमला हो या फिर प्राकृतिक मुसीबत से यात्रियों को बचना हो इन सब हालात से इन कमांडोज को खासतौर पर प्रशिक्षण दी गई है| पहले चरण में कोरस के 1200 कमांडो को देशभर में कई जगहों पर तैनात किया जा रहा है |
यह कमांडो ऐसे जगहों पर उपस्थित रहेंगे जहां पर प्रायः अप्रिय हालातों का खतरा बना रहता है| रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक ने बताया कि ‘आईएसएस(ISS) के तहत, हमने कई स्थानों पर, ट्रेन कोचों, रेलवे स्टेशनें में सीसीटीवी कैमरा लगाए हैं और हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग कर सीसीटीवी से प्राप्त फीड का विश्लेषण करने वाले हैं।
यह हमें रेलवे परिसरों की सुरक्षा के लिए अहम फीडबैक उपलब्ध कराएगा। हमने पायलट परियोजना के तहत बेंगलुरू में फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी का भी इस्तमाल किया है और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के साथ साथ देश के 202 से भी अधिक स्टेशनों पर स्थापित किया है। फेस डिटेक्शन प्रणाली में हमारे पास सीसीटीवी कैमरा से फीडबैक उपलब्ध करने का सुबिधा भी मिले गी।
हम सॉफ्टवेयर में ज्ञात अपराधियों, आतंकवादियों के स्कैच और फोटो फीड कर देंगे’ ‘और जैसे ही वह वांछित अपराधि हमारे कैमरे की नज़र में आएगा, यह कंट्रोल रूम में सिस्टम को अलर्ट कर देगा।’ कोरस में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स(R.P.F) और रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स(R.P.S.F) के जवान को भी लिया गया है| वही इन कमांडो की एक विशेष प्रकार की वर्दी होगी|
इनके पास बुलेट प्रूफ जैकेट और अलग तरह का हेलमेट के साथ साथ ही इनके पास अत्याधुनिक शस्त्र भी रहेंगे| समारोह की अध्यक्षता करते हुए उत्तर रेलवे के महा प्रबंधक ने कहा कि रेलवे ऐसी अनेक प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है जो सामरिक और आर्थिक दृष्टि से जरूरी है।
Posted By:- Amitabh Chaubey