भदोही (जनमत):- जब पुत्र बिमारी से जूझ रहा हो और मात्र एक बुजुर्ग पिता ही उसकी सेवा कर रहा हो लेकिन अगर ऐसे में उस बुजुर्ग पिता और बीमार पुत्र के एक मात्र सहारे के रूप में जो पिता हो उसकी भी मौत हो जाये तो यह भी इश्वर की इच्छा कही जा सकती है, जहाँ एक तरफ़ एक असहाय पुत्र अपने जीवन के दिन शय्या पर काट रहा हो और वयोवृद्ध पिता उसकी सेवा कर रहा हो ऐसे में शायद इश्वर को भी यह ठीक नहीं लगा और उसने उस बीमार पुत्र के सहारे को भी अपने पास बुला लिया|
बिमार पुत्र का एकलौता सहारा 72वर्षीय पिता कल्लु राय का सड़क दुर्घटना मे मृत्यु हो गयी,, ग्राम कुशौली के कल्लु राय का आकास्मिक निधन से पुरे गाँव कुशौली मे शोक कि लहर छा गयी है,,, अभी हाल हि मे आर्य भट्ट समाज द्वारा कल्लु राय को सम्मानित किया गया था,, बिमार पुत्र बाबु लाल का एक मात्र सहारा वो भी काल के गाल मे समा गया,, और इस परिवार का अंत हो गया,, भगवान को सायद यहि मंजुर था,, ये भट्ट समाज के लिए बहुत दुख का विषय है,, ईस्वर इस दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें|
बेटे के इलाज और खान पान कि देख रेख मे हमेशा रोड से गुजरते रहते थे, जबकि उनकी आंखों से कम दिखाई देता था, आज मानो काल ने अपने आगोश में उन्हे पुरि तरह निद में सुला दिया,, और दुखद जीवन का अंत हो गया,, आर्य भट्ट समाज कि तरफ़ से कुछ दिन पहले मृतक कल्लु राय के पुत्र बाबुलाल का इलाज भी कराया जा रहा था जिसमे आर्य भट्ट समाज के सभी सम्मानित सदस्यों द्वारा सहयोग दिया जा रहा था| मृतक कल्लु राय का दशहरे के दिन आर्य भट्ट समाज के महामंत्री अविनाश राय द्वारा स्वागत किया गया था|
(अविनाश राय द्वारा कल्लु राय का स्वागत करते हुए)
वहीँ हाल ही में यह प्रश्न भी उठा था की पिता और पुत्र की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए शासन प्रशासन से इनकी मदद की गुहार भी लगाई गयी थी लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा सके अब देखना यह होगा की पिता की म्रत्यु के बाद प्रशासन बीमार पुत्र के लिए क्या कोइ सहायता मुहैय्या करता है और इलाज के लिए क्या कदम उठता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन आज उस पुत्र के सर से एक ऐसे पिता का साया उठ गया जो ना सिर्फ रिश्ते में उसा बाप था बल्कि उसकी माँ , भाई , चिकित्सालय और उसके लिए उस परिवार था|