राजनीति (जनमत) :- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जहाँ भाजपा अपनी सहयोगी शिवसेना को लेकर सरकार बनाने को लेकर कोई राय मशविरा नहीं बन पा राह है वहीँ दूसरी तरफ शिवसेना को सरकार बनाने के दावे को कहीं न कहीं झटका लगता नज़र आ रहा है, इसी कड़ी शरद पवार् ने अपना पक्ष साफ़ करते हुए बताया कि भाजपा और शिवसेना को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश मिला है जिसका हमें सम्मान करना चाहिए और इसी के चलते हम सरकार से बाहर रहेंगे और विपक्ष में बैठेंगे.आपको बता दे कि इससे पहले संजय राउत ने कहा था, ‘‘हमारी ओर से न तो कोई प्रस्ताव आएगा और न जाएगा। जो पहले तय हुआ था उसी पर बात होगी। ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद पर चुनाव से पहले सहमति बनी थी। उसी के मुताबिक गठबंधन हुआ था।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर हुई बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को जनादेश दिया है। हमने शिवसेना को प्रस्ताव भेजा है और हमें उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। हम अगले 24 घंटे तक उनके जवाब का इंतजार करेंगे। हमारे दरवाजे खुले हैं। राज्य में सरकार गठन को लेकर पैदा हुए गतिरोध के बीच मंगलवार रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की।
इससे पहले सुबह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने संघ प्रमुख को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने भागवत से आग्रह किया है कि वे सरकार गठन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मध्यस्थता कराएं, ताकि भाजपा और शिवसेना के बीच जारी विवाद का सहमति से हल निकल सके। फिलहाल स्थिति जस की तस नज़र आ रही है वहीँ अब जब शरद पवार ने स्थिति साफ़ कर दी है और विपक्ष में बैठने की बात कहीं है इससे स्पष्ट है की अब महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिरता लम्बी चलने वाली है जो की फिलहाल स्थिर होती नज़र नहीं आ रही है.
Posted By : Ankush Pal