लखनऊ (जनमत) :- यूपी में अयोध्या के फैसले के दौरान दिखा रामराज का नज़ारा. आपको बता दे कि सर्वोच्च न्यायालय में फैसले के दौरान और हाल फिलहाल अभी तक किसी प्रकार का सांप्रदायिक सौहाद्र नहीं बिगड़ा जो वास्तव में उत्साहजनक रहा है. वहीँ उत्तर प्रदेश में बीते ढाई साल में यह पहला मौका था जब किसी दिन पूरे प्रदेश में एक भी हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार या डकैती की वारदात न हुई हुई । दरअसल, फैसले के मद्देनजर पुलिस ने व्यापक तैयारी की थी। 8 नवंबर की रात जब इसकी जानकारी हुई कि अगले दिन सुबह साढ़े 10 बजे फैसला आने वाला है तो डीजीपी से लेकर थाने और बीट स्तर पर पुलिस मुस्तैद हो गई।
इसमें सबसे अहम् बात यह रही कि सभी गतिविधियों पर खुद मोर्चा डीजीपी ओपी सिंह ने संभाल रखा था. वहीँ जब अपराधिक रिकॉर्ड शून्य होने की बात सामने आयी तो इसपर डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों को भी यकीन नहीं हो रहा था और उन्होंने एक बार फिर इसकी पुष्टि करने की बात कही जिसके बाद भी प्रदेश के 75 जिलों में एक भी घटना नहीं हुई। उस समय डीजीपी आगरा में थे। उन्होंने वहीं से अधिकारियों को फोन पर निर्देश देने शुरू कर दिए। रात में ही पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई। सोशल मीडिया पर रात से ही निगरानी शुरू हो गई। इस दौरान आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार और सोशल मीडिया सेल के एसपी मो. इमरान पूरी रात डीजीपी मुख्यालय पर मौजूद रहे। उ फैसले वाले दिन सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की कार्य प्रणाली जानने यूपी 112 पहुंचे। इस पूरी कवायद का परिणाम रहा कि प्रदेश में उस दिन अपराध का आंकड़ा शून्य रहा।