पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाली प्रधानमंत्री को भावभीनी श्रद्धांजली!….

व्यक्त्ति-विशेष

व्यक्त्ति-विशेष(जनमत):- आज हम आपको  देश की लौह महिला के बारे में बताना चाहते हैं| जिनकी बात किये बिना देश  का राजनितिक इतिहास पूरा नहीं होता। आज देश की प्रथम  महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्मदिन है। आप को बतादे की आज इंदिरा गांधी की 102 वीं जयंती है।  19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के स्वराज भवन में हुआ था। उनके दादा मोतीलाल नेहरू ने उनका नाम रखा इंदिरा और जब पिता जवाहर लाल नेहरू ने उनका चेहरा देखा तो उनको प्रियदर्शिनी नाम दिया। इंदिरा गांधी भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही हैं। इंदिरा गांधी ने सबसे पहले राजनीति में अपना पहला कदम लालबहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में वर्ष 1964-1966 तक सूचना और प्रसारण मंत्री बनकर रखा।

भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री की मौत के बाद इंदिरा गांधी भारत की तीसरी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं थी। जनवरी 1966 से लेकर मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से लेकर अक्तूबर 1984 (जब इंदिरा की हत्या हुई) तक देश की प्रधानमंत्री रहीं। इस मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा इंदिरा गांधी के समाधि स्थल शक्ति स्थल पहुंचकर उन्हें  श्रध्दांजलि दी। वही पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी शक्तिस्थल पहुंचे और उन्होंने इंदिरा गांधी को श्रध्दांजलि दी। बड़ी संख्या में कांग्रेस के अन्य नेता भी समाधि स्थल पहुंचे और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री को  भावभीनी श्रध्दांजलि दी गई।

वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली कांग्रेस द्वारा सभी 14 जिलों में इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर इंदिरा प्रियदर्शनी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इंदिरा गांधी द्वारा पीएम रहते लिए गए कड़े निर्णयों की वजह से उन्हें देश में ‘आयरन लेडी’ के तौर पर भी पहचाना जाता है। जब भी देश को परमाणु शक्ति बनाए जाने की बात याद आएगी सबसे पहले  इंदिरा गाँधी का ही नाम लिया जाएगा। यहीं नहीं पडोसी  देश पकिस्तान को दो टुकड़ों में बाटने का श्रेय भी उन्ही को ही जाता है और दुनिया के नक़्शे में एक नए  देश का “बांग्लादेश” का उदय भी उन्ही के सहयोग से हुआ| इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल के समय बैंकों के राष्ट्रीयकरण का अहम निर्णय लिया था। इसके साथ ही 19 जुलाई 1969 को 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था।

प्रधानमंत्री रहते इंदिरा गांधी ने राजा-महाराजाओं को मिलने वाला प्रिवी पर्स बंद किया था। वर्ष 1937 में इंदिरा गांधी अपनी पढ़ाई करने के लिए ऑक्सफोर्ड(Oxford) चली गईं और वर्ष 1941 में अपनी पूरी पढ़ाई  करके भारत लौट आईं। पिता जवाहर लाल नेहरू को अपेक्षा थी की इंदिरा गांधी विदेश से लौटकर उनके साथ राजनीति के सफर पर चलेंगी मगर जब इंदिरा गांधी भारत पहुची तो उन्होंने फिरोज के साथ अपनी शादी का प्रस्ताव पिता जवाहर लाल नेहरू के सामने रख दिया जिसको सुनकर जवाहरलाल नेहरू ने इसका विरोध किया। काफ्फी लम्बें विरोध के बाद 26 मार्च 1942 को इंदिरा ने इलाहाबाद में अपने पसंद से फिरोज गांधी से शादी कर ली।

                  (अपने बेटो संजय और राहुल के साथ इंदिरा गाँधी)

उनसे उनके दो पुत्र हुए, जिनका नाम राजीव गांधी और संजय गांधी रखा गया। राजनीति में अपना कदम बढ़ाते हुए इंदिरा गांधी 1959-60 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं, और यही से शुरुआत हुई उनके बड़े राजनैतिक सपने की। आपको बता दे की जब पाकिस्तान के अत्याचार से जूझ रहे बांग्लादेश को आजाद कराने की लड़ाई शुरू हुई तब उस समय इंदिरा गाँधी ने ही पहल की और परेशानी से जूझ रहे पश्चिमी पाकिस्तान “बांग्लादेश” को पकिस्तान के ज़ुल्म से आज़ाद कराया| आप को बता दे की भारत के संविधान के मूल स्वरूप का संशोधन जितना इंदिरा गांधी के राज में हुआ, उतना और किसी ने कभी संविधान में इतना संशोधन नहीं किया।

                  (अपने पिता जवाहर लाल नेहरू के साथ इंदिरा गाँधी)

इंदिरा गांधी जब 31 अक्टूबर 1984 को सुबह तेजी से एक  अकबर  रोड की ओर बढ़ीं रही थी तो उसी समय गेट पर दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर बेअंत सिंह  ड्यूटी में तैनात थे| बेअंत सिंह ने मौका देख कर उन पर गोली चला दी और इंदिरा गांधी ने अंतिम सांस ली । इतिहास हमेसा श्रीमती गांधी को याद रखेगा और उनके द्वारा किये गए कार्यो का साक्षी हमारा देश हमेशा रहेगा|

                  (अपने पति फिरोज के साथ इंदिरा गाँधी)

वास्तव में इंदिरा गाँधी के समय में देश ने जहाँ  विज्ञानं जगत में सफलता हासिल की और देश के गौरव को बढ़ाया और देश के विकास के साथ ही भारत का गौरव भी बढाया| हमारे  जनमत न्यूज़ परिवार की तरफ़ से  इंदिरा गाँधी  को जन्मदिवस के अवसर पर भावभीनी श्रद्धांजली!….

Posted By:- Amitabh Chaubey