दिल्ली एनसीआर (जनमत) :- किसी के घर का जगमगाता चिराग बुझने की कगार पर था … और राह चलते लोगो का कारवां लाशों को लूटने की फ़िराक में था!… देश की राजधानी में लोगों की संवेदना जहाँ मर गई है वहीँ इंसानियत भी शर्मसार हुई है। हाल ही में दिल्ली गेट के पास हुए हादसे में घायल तीनों लड़के सड़क पर तड़पते रहे। बजाय मदद करने के किसी ने उनके मोबाइल ही उड़ा लिए और एक राहगीर ने इतना जरूर किया कि घायलों को सड़क से उठाकर फुटपाथ पर एक के ऊपर एक लिटा दिया। वहीँ परिजनों का आरोप था कि घटनास्थल से महज 300 मीटर दूर एलएनजेपी अस्पताल की इमरजेंसी थी। यदि समय पर तीनों को अस्पताल पहुंचाया जाता तो उनकी जान बच सकती थी।
वहीँ दूसरी तरफ सड़क से गुजर रहे एक युवक ने अपनी स्कूटी रोकी और तीनों को एक ऑटो में डालकर अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, युवक को बाद में पता चला कि तीनों लड़के उसके पड़ोसी हैं। अस्पताल पहुंचने में कुछ मिनटों की देरी के चलते तीनों को मृत घोषित कर दिया गया। वहीँ जिस युवक ने पीडितो को अस्पताल पहुचाया वो तीनों लड़के उसके पड़ोसी ही निकले । अस्पताल पहुंचने में करीब 25 मिनट लग गए, जहां ले जाते ही तीनों को मृत घोषित कर दिया गया। मोहम्मद साद के चाचा रहीसुद्दीन ने बताया कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां उनके भतीजे के मोबाइल का कवर पड़ा मिला, जबकि मोबाइल गायब था। मोहम्मद साद के चाचा रहीसुद्दीन ने बताया कि जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां उनके भतीजे के मोबाइल का कवर पड़ा मिला, जबकि मोबाइल गायब था। घटनास्थल पर फुटपाथ पर करीब 20 फुट की दूरी पर टायर के रगड़ने की निशान हैं। ऐसा लगता है कि वह किसी बड़े वाहन के निशान हैं।फिलहाल पुलिस मामले की जांच किये जाने की बात कह रही है और विवेचना जारी है.
Posted By :- Ankush Pal