लखनऊ(जनमत):- आसमान से तारे तोड़ लाएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो आसमान को भी धरती पर ले आएंगे। ये तो महज़ चंद हर्फ़ है उन लोगो के लिए जिनकी जिद और जुनून के आगे पत्थर भी मोम बन जाता है। ये लाइन लखनऊ की उस बेटी, पत्नी और माँ के लिए समर्पित है। जिसके हौसलों के आगे समय को भी झुकना पड़ गया। हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में रहने वाली एथलीट डॉक्टर तृप्ति सिंह। वो नाम है जो अब उन युवतियों के लिए मिसाल और प्रेरणा बन चुकी है जो शादी के बाद अपने सपनो को पैरो तले रौंद देती है। डॉक्टर तृप्ति ऐसी युवतियों के लिए अब एक अपवाद बन चुकी है।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर की रहने वाली डॉ0 तृप्ति सिंह का पूरा परिवार उच्च शिक्षित है। बता दे की डॉ0 तृप्ति सिंह की शिक्षा वनारस से हुई है| 21वी एशियन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय दल में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली लखनऊ की उड़न परी कहीं जाने वाली डॉ. तृप्ति सिंह ने मलेशिया के कोचिंग शहर में 100 मीटर बाधा दौड़ में अपने देश का झंडा फहराने के साथ गोल्ड मेडल भारत को दिला कर मलेशिया के कोचिंग शहर में अपने भारत का नाम रोशन किया, डॉक्टर तृप्ति सिंह का चयन गोवा में राष्ट्रीय मास्टर मीट में कई पदक जीतने के बाद हुआ था|
जिन्होंने देशवासियों का विश्वास कायम करते हुए 100 मीटर बाधा दौड़ की कई हीट को जीतती हुई फाइनल में प्रवेश की हिट में भाग लेने वाले देश चाइना की एथलीट एथलीट ची जॉनीसा ,मलेशिया की एथलीट कैटरीना बेसिन ,श्रीलंका की एथलीट असली नारो जुआ, कुआला लंपुर की एथलीट कारन जीसा, पाकिस्तान की एथलीट रजा बानो को हराते हुए फाइनल में प्रवेश किया और फाइनल में डॉ तृप्ति सिंह को गोल्ड, मलेशिया की अथिलीट कैटरीना विंटर सिल्वर मेडल जीता श्रीलंका की असली आगम पोर डीजे ने कांस्य पदक जीता, और इंडिया की ही हरप्रीत कौर चौथे नंबर पर रही , भारत के लिए डॉ तृप्ति सिंह ने गोल्ड जीतकर मलेशिया की धरती के कोचिंग शहर में भारत का झंडा बुलंद करने का काम किया अभी डॉक्टर तृप्ति सिंह का 400 मीटर बाधा दौड़ होना बाकी है|
घर के संस्कार और शैक्षिक वातावरण के बीच तृप्ति को बचपन से दुनिया के पटल पर स्पोर्ट के क्षेत्र में देश का गौरव बढ़ाने का सपना था। तकरीबन 19 साल के बाद स्पोर्ट की दुनिया में कम बैक हुई डॉक्टर तृप्ति का आगाज भी बेहद शानदार और धमाकेदार रहा। इतनी सारी प्रतिभा होने के बाद अब ये देखना है के क्या प्रदेश सरकार डॉ0 तृप्ति सिंह को यश भारती सम्मान से भी सम्मानित करेगी|