लखनऊ (जनमत) :- कोरोना वायरस का प्रकोप अभी थम नहीं पाया है, इसी कड़ी में सरकार ने भी आमजनमानस की समस्याओं को देखते हुए कदम उठाना शुरू कर दिया है. इस बिमारी के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन संबंधी घोषणा से दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों की रोजी-रोटी पर आए संकट के मद्देनजर सरकार ने भरण-पोषण भत्ता का आदेश जारी किया है। चिन्हित लोगों इस भत्ते के तहत प्रतिमाह 1000 रुपये मिलेंगे। श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देने संबंधि कार्रवाई के लिए श्रम विभाग और अन्य श्रेणी के दिहाड़ी मजदूरों तो नकद भुगतान देने के लिए राजस्व विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। वृद्धावस्था, दिव्यांगजन व निराश्रित विधवाओं को भरण-पोषण पेंशन तिमाही आधार पर मिलती है। इन्हें दो माह की अग्रिम पेंशन अप्रैल में ही देने के आदेश दिए गए हैं।
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर राजस्व विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही कोरोना वायरस के संक्रमण से रोजी रोटी के संकट से प्रभावित दिहाड़ी मजदूरों व श्रमिकों की मदद के लिए 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता देने का एलान किया। अंत्योदय, मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों समेत करीब एक करोड़ 65 लाख 31 हजार जरूरतमंदों को 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से नि:शुल्क देने की घोषणा की है। इसपर 94.50 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा।अपर मुख्य सचिव वित्त एवं वित्त आयुक्त संजीव मित्तल की ओर से इस संबंध में विस्तृत शासनादेश जारी किया गया है।
Posted By:- Ankush Pal
Correspondent, Janmat News.