मध्यप्रदेश(जनमत).इस साल राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के देश और प्रदेशों के आपराधिक आंकड़े को जारी नहीं करेगा। ये आंकड़े विधानसभा चुनाव के बाद अगले साल जारी होने की गुनजाइस है। जिससे सरकार को इस बार के चुनाव में बड़ी राहत मिली है.
क्यों की इस बार मध्यप्रदेश पुलिस ने एनसीआरबी को भेजे जाने वाले आंकड़े अभी तैयार नहीं कर पाई है. मिली जानकारी के अनुसार राज्यों द्वारा हर साल मार्च-अप्रैल तक पिछले साल के आपराधिक आंकड़े को एनसीआरबी को भेजे जाते हैं। पर इस साल मध्यप्रदेश पुलिस की राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो शाखा ने इन आंकड़ों को तैयार नहीं कर पाई है। ये आंकड़े एनसीआरबी के पास पहुंचने के बाद करीब चार महीने में देश और राज्यों के आपराधिक आंकड़े तैयार होते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल 2016 के आंकड़ों में दुष्कर्म और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ एट्रोसिटी मामलों में मध्यप्रदेश अव्वल रहा था।
इसे विपक्ष ने मुद्दा बनाया था। कांग्रेस इन मामलों को लेकर मप्र सरकार को लगातार घेर रही है और प्रदेश को दुष्कर्म राज्य कहकर आरोप लगाए हैं। इन आपराधिक आंकड़े के विधानसभा चुनाव के पहले न आने का मध्यप्रदेश सरकार भरपूर फायदा उठाये गी.
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