गाजीपुर(जनमत):- जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा जिले के काजियाबाद इलाके में देर शाम आतंकियों ने पेट्रोलिंग कर रहे सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोल दिया। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव समेत 3 जवान शहीद हो गए। अश्वनी कुमार यादव गाजीपुर के नोनहरा थाना इलाके चक दाऊद उर्फ बभनौली गांव के रहने वाले थे। घटना की जानकारी देर शाम को ही परिजनों को हुई तो परिवार समेत पूरे गांव में कोहराम मच गया। इस बात की जानकारी मीडिया को हुई तो शहीद परिवार का हाल जानने वह भी मौके पर पहुंच गए।
यहाँ शहीद अश्वनी की पत्नी और बेटी ने बताया कि वो बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे। बेटी ने भी कहा कि पापा डॉक्टर बनाना चाहते थे और ये भी बोल कर गए थे कि जब वापस आएंगे तो साइकिल खरीदेंगे। शहीद के एक बेटी और एक बेटा के साथ दो भाई भी हैं जो घर पर खेती के साथ ही फौज में भर्ती और अन्य कंपटीशन की तैयारी कर रहे हैं।जनपद गाजीपुर के नोनहरा थाना के बभनौली गांव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव 2005 में इलाहाबाद के फाफामऊ में भर्ती हुए थे। देर शाम जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद होने की खबर जब घर आई तब परिजनों समेत पूरे गांव में कोहराम मच गया।
सूचना के बाद से ही पत्नी आंसू बेसुध पड़ी हुई है। इस बीच जब वह उठती है तो एक ही बात कहती है कि मेरे पति को वापस ले आओ। रुंधे हुए गले से शहीद की पत्नी ने बताया कि घटना के 2 घंटे पहले उनसे बात हुई थी और उन्होंने ड्यूटी खत्म होने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि छुट्टी पर जब आएंगे तब बेटी को साइकिल खरीद कर देंगे। शहीद अपनी अपनी बेटी को डॉक्टर बनाना चाह रहे थे। उनकी ख्वाहिश थी कि बेटी के नाम के साथ उनका भी नाम जुड़े। शहीद के भाइयों ने बताया कि भैया की अंतिम इच्छा बेटी को डॉक्टर बनाना था इसलिए हम सरकार से चाहेंगे कि हमारे भाई की इस इच्छा को जरूर पूरा करें।
अगर हमें मौका मिला तो हम भी देश की सेवा के लिए जाएंगे। शहीद अश्वनी कुमार यादव के एक मित्र ने बताया कि देश के प्रति उनके जज़्बे का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब भी वह गांव आते तो युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करते थे। जिन युवाओं के पास पैसे की कमी होती थी उन्हें अपने पास से पैसा देकर भर्ती का फॉर्म दिलाते थे।
जिला पंचायत सदस्य कमलेश यादव ने बताया कि अश्वनी के शहीद होने से हमारे क्षेत्र को बहुत क्षति पहुंची है। हम चाहेंगे कि सरकार इसका बदला जरुर ले। वैश्विक महामारी कोरोना से जहा पूरी दुनिया जूझ रही है। तो वही अमन – शांति के कुछ दुश्मन देश है जो अपनी नापाक और कायराना हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। फिलहाल जिस तरह से जवानों की सहादत हुई है उससे अब मांग उठ रही है कि ऐसी हरकतों को अंजाम देने वालों को मुँह तोड़ जवाब दिया जाये।