लखनऊ (जनमत):- योगी सरकार पर नाकामी का आरोप लगाने वालों के लिए यह तस्वीरें एक नज़ीर है। नज़ीर भी इसलिए की वैश्विक महामारी के दौर में भी गरीब, मजबूर, बेसहारा और प्रवासी कामगारों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल खोलकर मदद की। चाहे आर्थिक मदद की बात हो या फिर गरीब, मजदूर और प्रवासी कामगारों को खाद्य रसद देने के साथ ही उन्हें रोजगार देने की बात हो।
सभी के लिए कुछ न कुछ जरूर किया। यह तस्वीरें गवाह भी है कि गरीब, बेबस और बेसहारा लोगों तक कैसे योगी सरकार में उनके सिपहसालारों ने भोजन और पानी की व्यावस्था कराई। ये तस्वीरें लखनऊ में गोमतीनगर विस्तार के सामुदायिक केंद्र की है। भारत में जब कोरोना जैसी महामारी ने पाँव पसारना शुरू ही किया था तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया था।
ऐसे में जो जहा था वो वही पर फंसकर रह गया। लॉकडाउन हुआ तो कारखाने और कामधाम सब कुछ बंद हो गया। ऐसे में सबसे गंभीर समस्या थी कि अचानक हुए घटनाक्रम में कोरोना के साथ ही भूख और प्यास से भी लोगों को बचाना है। केंद्र सरकार के साथ ही प्रदेश की सरकारों ने भी अपने – अपने स्तर से जो भी सम्भव हो सका करते रहे। उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चुनिंदा – 11 अफसरों के साथ बैठक शुरू की।
बैठक रोज चलती रही जिसमे सीएम योगी अधिकारियों को निर्देश देते रहे कि कोरोना को तो परास्त करना ही है लेकिन यह भी ध्यान रखना है कि कोरोना काल में कोई भूखा और प्यासा न रह जाये। मुख्यमंत्री के निर्देश का सख्ती से नहीं बल्कि लखनऊ में अधिकारियों ने जनसेवा की भावना से काम किया। इसी कम्युनिटी सेंटर को जब कम्युनिटी किचेन बनाया गया तो किसी को यकीन नहीं था कि यह रसोई मील का पत्थर साबित होगी।
तकरीबन ढाई महिने से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है। ऐसे में इस रसोई के जरिये हजार दो हजार 10 हजार नहीं बल्कि लाखों लोगों तक सहायता पहुंचाई गई। आम तौर पर आरोप लगता है कि गरीबो को दी जाने वाली राहत सामग्री घटिया किस्म की होती है। लेकिन यहाँ ऐसे नहीं है। जो राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई जा रही है उसकी गुणवत्ता ऐसी है की ठीक ठाक होटल में भी ऐसी गुणवत्ता न मिले।
रसोई को संचालित करने वाले अधिकारियों का भी कहना है कि राहत सामग्री से कोई समझौता नहीं। जो भी राहत सामग्री लोगों तक पहुंचाई जा रही है वह बेहद उम्दा किस्म की है। इस दौरान साफ सफाई का भी पूरा ख्याल रक्खा गया है। मसलन मक्खियों को भगाने वाले यंत्र और यहाँ सेनेटाइजेशन का भी पूरा ख्याल रक्खा गया है। रसोई परिसर में जो भी वाहन आएगा उसके स्वामी के साथ ही वाहन को भी सेनेटाइज किया जाता है ताकि किसी भी तरह के संक्रमण से रसोई में काम करने वाले लोगों को दूर रक्खा जा सके है।
वैश्विक महामारी कोरोना काल में योगी सरकार पर कही पीपीई किट को लेकर तो कभी क्वारंटीन सेंटर की बदहाली के तमाम आरोप लगाए गए लेकिन सच्चाई यही है कि जितना कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबेवासियों के लिए किया उससे साफ है कि वह प्रदेशवासियों के लिए कितना फिक्रमंद है|
Posted By:- Amitabh Chaubey