देश/विदेश (जनमत) :- चीन ने अपनी विस्तारवादी सोच पर जल्द लगाम नहीं लगाई तो भारत बड़ी रणनीति की तरफ विचार कर रहा है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार बढ़ रही चीन की आक्रामकता को देखते हुए भारत दक्षिण चीन सागर में मुखर भूमिका निभाएगा। इस पर अपनी भूमिका तय करने के लिए भारत एलएसी पर चीन के भावी रुख का इंतजार कर रहा है। वहीं, अमेरिका चाहता है कि इस मुद्दे पर भारत खुलकर उसके साथ आए। एलएसी पर तनाव के बीच अमेरिका चाहता था कि भारत दक्षिण सागर मामले में उसकी रणनीति का हिस्सा बने।
भारत सहित कुछ देश संयुक्त रूप से इस इलाके में गश्त करे। इस विवाद पर भारत अब तक परोक्ष भूमिका निभाता रहा है। उसने सीधे-सीधे कभी चीन का नाम लेकर कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि बदली परिस्थितियों में इस बात पर मंथन हो रहा है कि भारत को इस मामले में मुखर भूमिका निभानी चाहिए या नहीं। यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि चीन एलएसी पर आक्रामक भूमिका जारी रखता है या नरमी लाता है।दरअसल, दक्षिण चीन सागर मामले में अब तक अमेरिका की भूमिका मुखर रही है। भारत इस मामले में परोक्ष रूप से चीन की मुखालफत करता रहा है। इस इलाके में चीनी दबदबे को अमेरिकी नौ सेना ही उसे चुनौती देती रही है। केवल ब्रिटेन ने एक बार अमेरिका के साथ इस इलाके में संयुक्त रूप से पेट्रोलिंग की थी। अब अमेरिका चाहता है कि भारत खासतौर पर पेट्रोलिंग प्रक्रिया में उसके साथ आगे बढ़े। चीन को घेरने के लिए अमेरिका की कोशिश भारत, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों को एक मंच पर लाने की है।
Posted By:- Ankush Pal
Correspondent,Janmat News.