‘ऑपरेशन क्‍लीन’ के तहत गिरफ्तार हुआ गोरखपुर का “हिस्‍ट्रीशीटर”…

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गोरखपुर (जनमत) :- कानपुर कांड में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत और मुख्‍य आरोपी विकास दुबे के सफाए के बाद यूपी पुलिस का ‘ऑपरेशन क्‍लीन’ जारी है। इसके तहत पूर्वांचल के माफिया, डॉन और टॉप टेन बदमाशों पर शिकंजा कसने लगा है। शुक्रवार की देर रात पुलिस ने लखनऊ से माफिया विनोद कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया।

विनोद, गोरखपुर का हिस्‍ट्रीशीटर है। उसकी कहानी भी कानपुर के विकास दुबे से मिलती-जुलती है। सिर पर 24 से ज्‍यादा संगीन मुकदमे होने के बावजूद विनोद की चाहत विधायक बनने की रही है। उसने गोरखपुर सदर से चुनाव भी लड़ा था। विनोद के समर्थक बड़ी संख्‍या में नई उम्र के लड़के हैं। वह विधायक तो नहीं बन सका लेकिन अपराध के साथ राजनीति में इतनी पैठ जरूर जमा ली थी कि पुलिस उसके इशारों पर नाचने लगी। इसका एक नमूना यही है कि अपराधिक मुकदमे दर्ज होने के बाद भी उसने साल 2001 में शाहपुर थाने से रिपोर्ट लगवाकर लाइसेंसी असलहा भी हासिल कर लिया था।

विनोद किसी समय में सत्यव्रत राय का भी करीबी रह चुका है लेकिन जमीन और रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद के बाद उनमें दूरी हो गई थी। विनोद के करीबी गंगेश पहाड़ी और दीपक सिंह की हत्या हो गई थी जिसमें सत्यव्रत और सुजीत चौरसिया समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस हत्याकांड के बाद सत्यव्रत और सुजीत विनोद को भी मारने के लिए ढूंढने लगे। जबकि विनोद अपने साथियों की हत्या का बदला लेने के लिए सुजीत की तलाश करने लगा। इसी क्रम में सुजीत की हत्या की तैयारी में पुलिस ने तीन अगस्त को दबोचा लिया था।

 

पीडब्लूडी कांड से सुर्खियों में आया था विनोद

वर्ष 2007 में पीडब्ल्यूडी दफ्तर के सामने विनोद उपाध्याय गैंग पर लालबहादुर पक्ष ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी। इसमें रिंपुंजय राय और सत्येंद्र की हत्या हो गई थी। इस मामले में अजीत शाही, संजय यादव, इंद्रकेश पांडेय, संजीव सिंह समेत छह लोग जेल गए थे। हालांकि उस हत्याकांड में लालबहादुर यादव के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं हुआ था। इसके बाद से दोनों गुटों में दुश्मनी और बढ़ गई थी। बाद में लालबहादुर यादव की हत्या कर दी गई थी जिसमें विनोद उपाध्याय को पुलिस ने अभियुक्त बनााया था और गिरफ्तार भी किया था।

दर्ज मुकदमों का विवरण

वर्ष 1999 में दो मुकदमा थाना गोरखनाथ

वर्ष 2001 में दो मुकदमा थाना गोरखनाथ

वर्ष 2003 में एक मुकदमा थाना गोरखनाथ

वर्ष 2004 में मारपीट और धमकी का केस शाहपुर

वर्ष 2005 में संतकबीर नगर में हत्या और हत्या के प्रयास का केस

वर्ष 2005 में संतकबीर नगर से गैंगेस्टर

वर्ष 2007 में लखनऊ के हजरतगंज में हत्या और हत्या के प्रयास का केस

वर्ष 2008 में शाहपुर थाने में हत्या के प्रयास का केस

वर्ष 2009 में कैंट थाने में मारपीट, बलवा, सहित कई धारा में केस

वर्ष 2009 में कैंट में साजिश, जालसाजी सहित कई धाराओं में केस

वर्ष 2010 में शाहपुर में मारपीट धमकी और 7 सीएलए एक्ट में केस

वर्ष 2010 में शाहपुर में मारपीट, धमकी हत्या का प्रयास का केस

वर्ष 2010 में शाहपुर में गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई

वर्ष 2013 में कैंट थाने में हत्या का प्रयास धमकी सहित कई धाराओं में केस

वर्ष 2014 में कैंट थाने में हत्या का केस

वर्ष 2014 में कैंट में हत्या के प्रयास का केस

वर्ष 2014 में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज

वर्ष 2014 में कैंट थाने से गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई

वर्ष 2017 में कैंट में जालसाजी और साजिश सहित अन्य धाराओं में केस

वर्ष 2017 में कैंट में धमकी सहित विभिन्न धाराओं में केस

वर्ष 2017 में कैंट में धमकी सहित अन्य धाराओं में केस

वर्ष 2019 में शाहपुर में धमकी सहित जबरिया वसूली का केस

वर्ष 2020 में कोतवाली में जबरिया वसूली का केस दर्ज

 

गैर जमानती वारंट लेकर गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस

 

गोरखपुर पुलिस ने शुक्रवार रात में गोमती नगर के विपुलखंड से माफिया विनोद कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया। गोरखपुर पुलिस के सहयोग के लिये गोमती नगर पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। पुलिस का कहना है कि विनोद गोरखुपर का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे हैं।

गोमती नगर पुलिस के मुताबिक विनोद के घर जब पुलिस ने छापा मारा तो वह अपने घर पर मौजूद मिला। गोरखपुर से आई पुलिस टीम ने बताया कि उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ है। विनोद एक आपराधिक मामले में कई तारीखों पर पेशी पर नहीं पहुंचा था।

Posted By:- Ankush 

Correspondent,Janmat News.